उदयपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को कलेक्टर आवास के सामने स्थित निजी क्षिप्रा डायग्नोस्टिक लैब पर छापा मारकर सरकारी दवाइयां बरामद कीं। ये दवाएं सीटी स्कैन के दौरान मरीज को दी जाती हैं। सीएमएचओ डॉ. शंकर बामनिया खुद टीम के साथ अचानक लैब पहुंचे और दो बैग में भरी करीब 300 शीशियां जब्त कर लीं।
सीएमएचओ डॉ. बामनिया ने बताया कि बाजार में आयोहेक्सॉल इंजेक्शन की 50 एमएल शीशी की कीमत 1500 से 2000 प्रति शीशी है। सीएमएचओ ने बताया कि दवाइयां जब्त कर ली गई हैं। साथ ही संबंधित थाने में शिकायत भी दर्ज करायी गयी है।
विभाग की ओर से कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है। अब लैब के संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी। कार्रवाई के दौरान लैब मालिक मौजूद नहीं था। कार्रवाई के दौरान ड्रग कंट्रोलर नेहा बंसल, कुलदीप सिंह यदुवंशी, डॉ. मोहन धाकड़, डॉ. अंकित जैन आदि मौजूद रहे।
डॉ. बामनिया ने बताया कि जब जांच टीम ने सिटी स्कैन रूम खोला तो कमरे में फर्नीचर की दराजों में सरकारी दवाइयां मिलीं। इसके साथ ही दो पैकेट में सरकारी इंजेक्शन की खाली शीशियां मिलीं। जो मरीजों को सीटी स्कैन के लिए दिया गया था। 296 खाली शीशियों पर सरकारी मोहर लगी मिली।
स्टाफ ने यह भी स्वीकार किया कि मरीजों को आयोहेक्सोल इंजेक्शन की 50 एमएल शीशियां दी गईं। कर्मचारी इस बारे में चुप्पी साधे हुए हैं कि उन्हें यह कहां से मिली। क्लीनिक स्थापना, बायोवेस्ट प्रबंधन सहित अन्य दस्तावेज मांगने पर कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया।