राजस्थान विधानसभा के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल पूर्ण कर्जमाफी और बेरोजगारी भत्ता सहित कई योजनाओं का झांसा देकर कांग्रेस सत्ता प्राप्ति में तो कामयाब हो गई लेकिन अब सभी योजनाएं अमल में नहीं आ रही। इसके बाद भी राहुल गांधी ने एक और जनता को ठगने एवं झांसे में लाने वाली योजना लाने की तैयारी में हैं। हाल ही में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया है, ‘आगामी लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस सत्ता में लौटती है तो देश के हर गरीब को न्यूनतम आमदनी की गारंटी देंगे।’
राहुल गांधी ने इस घोषणा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दुनिया की किसी भी सरकार ने आज तक लोगों को न्यूनतम आमदनी की गारंटी नहीं दी है। सत्ता में आने के बाद सबसे बैंक खातों में एक जैसी न्यूनतम रकम जमा कराई जाएगी और कोई गरीब भूखा नहीं सोएगा। यह सब झांसा राहुल गांधी ने रायपुर में आयोजित किसान आभार सम्मलेन में कही। उन्होंने यह भी कहा कि जो मैं कहता हूं, वह करके दिखाता हूं।
अब राहुल गांधी ने बड़ी-बड़ी बाते तो कर ली लेकिन यह सब सच कैसे होगा, यह सोचने वाली बात है। चुनावी घोषणा पत्र में उनका पूर्ण कर्जमाफी वाला दावा तो वैसे ही हवा हो चुका है। दरअसल राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद अशोक गहलोत ने प्रदेश में किसानों को पूर्ण कर्जमाफी की जगह दो लाख रुपए तक के फसली ऋण माफ करने की घोषणा की थी। उसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में कर्जमाफी करने की गुहार लगाई। ऐसे में कर्जमाफी का वायदा एक जुमला साबित हो गया। अब बेरोजगारी भत्ते पर भी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। वहीं नई नौकरियों पर भी गेटबंदी कर दी है। राजकीय अधिकारियों के दौरे बंद कर भत्ते भी घटाने की कोशिश हो रही है।
अब इतनी सारी योजनाओं के बक्से में बंद होने के बाद राहुल गांधी अपने खाली पिटारे में से जादू वाली योजनाओं को बाहर निकाल रहे हैं। इन सभी डिब्बा बंद घोषणाओं एवं योजनाओं का हश्र क्या होगा, यह तो जनता अब तक समझ ही गई होगी।
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