बचपन में एक कहावत सुनी थी ‘मेरे बाप पहले आप’। आज राजस्थान कांग्रेस भी इसी कर्थात पर आगे बढ़ती दिख रही है। यह बात कहना इसलिए लाज़मी है क्योंकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 20-22 दिन शेष हैं और प्रत्याशियों के नामांकन शुरू हो गए हैं लेकिन कांग्रेस इतना फैसला भी नहीं कर पा रही कि किसे किसी चुनावी रणभूमि में उतारा जाए। अभी हाल ही में कांग्रेस की एक संभावित सूची जारी की गई थी जिसमें 79 प्रत्याशियों के नाम शामिल किए गए हैं। उस समय तक भाजपा ने अपने टिकटों की घोषणा नहीं की थी। ऐसे में कांग्रेस पहले भाजपायी टिकट की घोषणा के इंतजार में बैठे रहे और ‘पहले आप पहले आप’ करते रहे। अब जब टिकटों की घोषणा हो चुकी है तो कांग्रेस के आलाकमाल शायद टिकटों की अदला-बदली में जुट गए हैं ताकि उपयुक्त उम्मीदवार उतारा जा सके। हाल ही में भाजपा ने 131 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से सूचना आ रही है कि 150 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जाएगी। लेकिन लग तो यही रहा है कि कांग्रेस भी 125-130 सीटों पर ही प्रत्याशी उतारेगी और यह प्रत्याशी उन्हीं सीटों पर ही उतारे जाएंगे जिनकी लिस्ट बीजेपी ने जारी की है।
Read more: राजस्थान में साढ़े चार करोड़ से अधिक मतदाता करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
चुनाव नामांकन की अंतिम तिथि 19 नवम्बर है और 18 नवम्बर को रविवार होने की वजह से नामांकन दाखिल नहीं हो पाएंगे। भाजपा प्रमुख अमित शाह 15 नवम्बर को जयपुर आ रहे हैं और पूरी संभावना है कि उसी वक्त शेष 69 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे। राजस्थान कांग्रेस भी इसी ताक में बैठी है कि जब सभी नाम जारी हो जाएं, तब इत्मिनान के साथ पार्टी के चुनावी दावेदारों की लिस्ट निकाली जाए।
अब कांग्रेस के लिए सभी पत्ते खोलना भी एक मजबूरी बन गई है। यहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी परम्परागत सीट से टिकट मिलना पक्का है। ऐसे में गहलोत ही कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा है। अगर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को भी दौसा या अजमेर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दे दिया गया तो दोनों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे की लड़ाई फिर से शुरु होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है।
Read more: पहले दिन 16 प्रत्याशियों ने दाखिल कराए 23 नामांकन पत्र