कांग्रेस एक बार फिर से किसान वोट बैंक को साधने में जुटी है। इसी के तहत आगामी दिनों में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान में एक बड़ी किसान रैली करने जा रहे हैं। इसके लिए एक दो दिन में कार्यक्रम तय हो जाएगा। सूत्रों की माने तो इन रैलियों के माध्यम से राहुल गांधी तीनों राज्य में चुनावों में कांग्रेस को चुनने के लिए किसानों का धन्यवाद देंगे। किसान रैली को लेकर मीडिया से बातचीत के बाद 1 जनवरी को सीएम अशोक गहलोत ट्वीट कर रैली के बारे में जानकारी दी है। गहलोत के ट्वीट और मीडिया में दिए इस बयान के बाद ये माना जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के जरिए फिर से केंद्रीय सत्ता में पहुंचने का ख्वाब देख रही है। ऐसे में कांग्रेस के बड़े मुद्दों में किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा सबसे अहम होगा।
विधानसभा चुनाव में राफेल के मुद्दे पर सवार होकर चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस एक बार फिर किसानों को मुद्दा बनाने जा रही है। मतदान से कुछ दिन पूर्व ऐनक्त पर किसानों के कर्जमाफी की घोषणा कर सत्ता में आई कांग्रेस अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव में किसानों को मुद्दा बनाने के लिए राजस्थान में बड़ी किसान रैली करने जा रही है। सरकार बनने के बाद कांग्रेस की ये पहली किसान रैली है। इसलिए कांग्रेस हाईकमान राहुल गांधी की इस रैली को भव्य बनाने में जुटे हैं। जिस तरह से कांग्रेस इस रैली की तैयारियों में जुटी हैं उससे एक बात साफ है कि राहुल लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे पर बड़ा दांव खेलना चाहते हैं। इतना ही नहीं राहुल राजस्थान से किसान रैली की शुरुआत करने के बाद मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसी तरह की किसान रैली करेंगे।
राजनीति के जानकारों की माने तो राफेल के मुद्दे को कांग्रेस की तरफ से विधानसभा चुनाव में जीतना उठाया गया, उसका असर उतना जमीनी स्तर पर देखने को नहीं मिला है। विधानसभा चुनाव के बाद राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब ये मुद्दा महज सियासी बयानबाजी तक ही सीमित हो गया है। ऐसे में राहुल गांधी किसानों को साधने में जुटे हैं और वें कुछ तिकड्म लोकसभा चुनाव के लिए बैठाना चाहते हैं।
Read More: राजस्थान: बीजेपी ने जिला अध्यक्षों से पार्टी के बागियों को मिले वोटों का ब्यौरा मांगा
ये बात अलग है कि राजस्थान में किसानों के कर्जमाफी की घोषणा के बाद इसे कैसे लागू किया जाएगा इस पर कांग्रेस अब तक कोई फैसला नहीं कर पाई है। लेकिन, फिर भी उनका मानना है कि उनके द्वारा की गई घोषणा मात्र से किसान उनसे खुश हैं, और आने वाले लोकसभा चुनाव में भी किसान उन्हें ही वोट देने वाले हैं। वोट देंगे या नहीं ये बाद में तय होगा। फिलहाल, किसान कर्जमाफी घोषणा के पूरी तरह लागू होने का इंतजार कर रहा है।