Raghubir Singh-Indian photographer
Raghubir Singh-Indian photographer
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रघुबीर सिंह भारतीय जमीं से जुड़े ऐसे इंसान हैं जिन्होंने हमेशा ही देश का एक साहित्य व सौंदर्य का चित्रण भारतीयों के ही नहीं बल्कि विदेशी लोगों के समक्ष भी पेश किया। रघुबीर अपनी स्ट्रीट व डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी के लिए जाने जाते रहे हैं। आज उनकी 18वीं पुण्यतिथी है। पेशे से एक फोटोग्राफर रघुबीर देश के पहले ऐसे फोटोग्राफर थे जो काम तो भारत में करते थे लेकिन उनका घर पैरिस, लंदन और न्यूयॉर्क में होता था। आपको बता दें कि रघुबीर अपने जमाने के पहले फोटोग्राफर थे जिन्होंने उस समय अपनी कलर फोटोग्राफी में मार्जिनल आॅर्ट फार्म का इस्तेाम किया था।

रघुबीर सिंह का जन्म 1942 में राजस्थान के जयपुर शहर में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके दादा जयपुर आर्मड फोर्स में कमाण्डर-इन-चीफ थे जबकि पिता खेतड़ी (झुंझनू) में एक जागीरदार थे। उन्होंने शहर के सेंट जेवियर स्कूल से शिक्षा ग्रहण की। यही ब्यूटीफुल जयपुर नाम की उनकी एक छोटी फोटोग्राफी किताब पब्लिश हुई और यही से उनकी फोटोग्राफी में रूचि पैदा हो गई। यहां के बाद उन्होंने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज में प्रवेश लिया। लेकिन पहले ही साल में उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ फोटोग्राफी को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। इस दौरान 1960 में 8 पेज की फोटोग्राफी वाली उनकी पहली पत्रिका लाइफ मैगजीन भी मार्केट में आई थी।

Best photograph of Raghubir Singh
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रघुबीर सिंह ने अपना फोटोग्राफी करियर एक छोटे परम्परागत फोटोग्राफर के रूप में शुरू किया और जयपुर में एक सप्ताह तक काम किया। रॉबट फ्रेंक जोकि उनके ट्रेनर थे, हमेशा ही उनका काम नापसंद किया करते थे। इस बात को देखते हुए रघुबीर ने अपना काम कलर यानि कलर फोटोग्राफी के तौर पर शुरू किया। अपनी फोटोग्राफी में हमेशा ही उन्होंने देश की संस्कृति और सुन्दरता को दर्शाने का काम किया। इसके बाद सिंह विलियम इग्गलस्टन, स्टीफन शोर और जोएल स्टर्नफेल्ड जैसे फोटोग्राफर्स के संपर्क में आए और अपनी इस प्रतिभा को और बेहतर किया। यह सभी उस जमाने के सबसे अच्छे कलर फोटोग्राफर्स में से एक थे। उन्होंने एक अमेरिकी फोटोग्राफर ली फ्रेंडलैंडर के साथ पूरे भारत की सैर की और इंडियन ब्यूटी यानि भारतीय खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद किया।

Raghubir Singh-Indian photographer
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भारत की आधुनिकता और चित्रकारी से भी रघुबीर पूरी तरह प्रभावित थे। उन्होंने राजस्थानी लघुचित्रों और मुगल चित्रकारी से प्ररेणा ली। यह सब उन्हें बंगाल के एक स्कूल में मिला जहां उन्होंने पश्चिमी विचारधाराओं से आधुनिकता का मिलान होते हुए देखा। यहां उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता सत्यजीत रे से हुई जो बाद में उनके करीबी मित्र बन गए थे। बाद में रघुबीर हांगकांग चले गए और नेशनल ज्योग्राफी मैगजीन और द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करना शुरू कर दिया।

जब वह भारतीय दौरे पर थे तब यहां की संस्कृति देख उन्होंने इस बात को महसूस किया कि सौंदर्य, मानवतावाद और आध्यात्मिकता भारतीय संस्कृति के मुख्य स्तंभ थे और यही तीनों उनके काम का आधार बन गए थे। एक फोटोग्राफर के तौर पर उनकी पहली पुस्तक गंगेज 1974 मं आई। बाद में रघुबीर ने अपने जीवनकाल में 14 पुस्तकों का प्रकाशन कराया जिनमें गंगा, कलकत्ता, ग्रांड ट्रंक रोड और हिन्दूस्तान एंबेसडर कार प्रमुख हैं। अपने फोटोग्राफी के काम के अलावा उन्होंने न्यूयॉर्क की स्कूल आॅफ विजुअल आर्ट्स, कोलंबिया यूनिवर्सिटी और कॉपर यूनियन में सिखाया भी है।

Raghubir Singh-Indian photographer
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1972 में उन्होंने अन्ने डे हैनिंग, जोकि खुद भी एक फोटोग्राफर थी, से शादी कर दी। देविका सिंह उनकी पुत्री का नाम है। रघुबीर सिंह की 18 अप्रैल, 1999 को हार्टअटैक से मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद उनकी कला की प्रमख आलोचक मैक्स कोज़लोफ ने लिखा था कि ”यदि आप कल्पना कर सकते हैं कि राजपूत मिनेस्ट्रािस्ट हेनरी कार्टियर-ब्रेसन से क्या सीख सकते थे तो आपके सामने रघुबीर सिंह की कला होगी।

अपने कार्यों की वजह से ही भारत सरकार ने उन्हें 1983 में पदमश्री से सम्मानित किया है। इसके अलावा मरणोपरांत उन्हें 27 अक्टूबर, 2001 को महाराजा सवाई राम सिंह अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। इससे पहले रघुबीर सिंह को 1999 में मदर जॉन्स लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी प्राप्त हुआ है।

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