राजस्थान सरकार और जलदाय विभाग के अथह प्रयासों के चलते तीर्थ नगरी के पुष्कर सरोवर इस कहर भरपाती गर्मी में भी गुलजार है और यहां आने वाले धर्मावलंबियों के पाप धो रहा है। आम तौर पर गर्मी के मौसम में ‘तीर्थों का मुख’ कहे जाने वाले अजमेर के पुष्कर सरोवर का जल स्तर कम होने लगता है। इसके चलते न केवल इस पवित्र पानी में पनप रहे जीव अकारण मौत का ग्रास बनते हैं। साथ ही दर्शनार्थी भी बिना स्वच्छ पानी के दैनिक कर्म कांड नहीं कर पाते हैं। अब जलदाय विभाग ने प्रदेश सरकार के निर्देशों पर अहम कदम उठाते हुए बंद पड़े नलकूपों को चालू कराकर न केवल सरोवर को सूखने से बचाया बल्कि श्रद्धा के केंद्र को फिर से आबाद कर दिया।
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के निर्देशानुसार पुष्कर कस्बे को बीसलपुर योजना से 30 लाख लीटर पानी प्रतिदिन की आपूर्ति की जाती है। इसमें से 3 लाख लीटर पानी पुष्कर को दिया जाता था। लेकिन गर्मियों के आते ही यहां जल स्तर कम होने लगा जिसके लिए 10 से 11 लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ती थी। विभाग ने इस समस्या के समाधान हेतु काफी अरसे से बंद पड़े नलकूपों को दोबारा शुरू कराने की व्यवस्था की।
जलदाय विभाग ने बंद पड़े 8 में से 7 नलकूपों को ड्रिलिंग खंड की मशीनों से फ्लशिंग कराकर शुरू कराया। इन नलकूपों से प्रतिदिन 8 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है। इस तरह दोनों तरीकों से पुष्कर सरोवर को रोजाना 11 लाख लीटर पानी की सप्लाई दी जा रही है जिसमें बीसलपुर योजना से 3 लाख लीटर पानी और नलकूपों से मिला 8 लाख लीटर पानी की मात्रा शामिल है। प्रचूर पानी की उपलब्धता से न केवल सरोवर में फिर से जलीय जीवों की अठखेलियां बढ़ गई वहीं दर्शनार्थियों की तादाद में खासा इजाफा हुआ है। जलदाय विभाग के प्रयासों को जिला प्रशासन ने भी खासा सराहा है।
read more: न्याय आपके द्वार-केवल एक घंटे में खुला 60 साल पुराना कटानी रास्ता