अजमेर के निकट पुष्कर में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक ‘केमल फेयर‘ – पुष्कर मेले का आज समापन हुआ। पूर्णिमा और अंतिम दिन होने के कारण बड़ी भारी संख्या में स्थानीय, ग्रामीण और देशी-विदेशी पर्यटकों ने इसमें भाग लिया।

सर्वप्रथम प्रातः 6 बजे हॉट एयर बैलून फ्लाइट्स के साथ दिन के कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। इसके बाद प्रातः 9 बजे मेला मैदान पर पर्यटन विभाग द्वारा रस्साकशी एवं मटका दौड़ प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी। इस अवसर पर अजमेर के विभिन्न स्कूलों से आए लगभग 200 बच्चों ने ‘ग्रुप डांस‘ प्रस्तुत किया। अन्य रंगारंग प्रस्तुतियां में ‘कला जत्था‘ के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे – चकरी नृत्य, कालबेलिया नृत्य, गैर नृत्य, चंग ढ़प, मश्क वादन, कच्छी घोड़ी के साथ-साथ बीकानेर से आये ‘रोबीलों‘ ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। ‘समापन समारोह‘ के अंत में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये गये।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि किसान आयोग के अध्यक्ष, श्री सांवर लाल जाट थे। उनके अतिरिक्त राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रीमती अनीता भदेल; पुष्कर विधायक एवं संसदीय सचिव श्री सुरेश सिंह रावत; पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष, श्री कमल पाठक और अजमेर कलेक्टर, श्री गौरव गोयल तथा पुलिस अधीक्षक डॉ. नितिन दीप बल्लग्गन भी उपस्थित थे।

13060098-54dd-4c78-9fc2-91b9457b1f4fशाम 4.30 बजे पर्यटकों ने पुनः हॉट एयर बैलून फ्लाइट्स का आनंद उठाया। जिसके बाद शाम 5.45 बजे पुष्कर सरोवर पर महाआरती का आयोजन किया गया। रात्रि 8 बजे भव्य आतिशबाजी के साथ इस फेयर का समापन हुआ।

उल्लेखनीय है कि पुष्कर मेला पूरी दुनिया में अपने आप में अनोखा पशु मेला है। इस मेले में शामिल होने के लिए ग्रामीण भारत से लाखों लोग समूहों में पुष्कर आते हैं। ये लोग यहां आकर कुछ दिन अपने ऊंटोंए मवेशियों एवं घोड़ों का व्यापार करते हैं तथा तीर्थयात्रा में शामिल होते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार, पुष्कर मेला कार्तिक माह की अष्टमी एवं चंद्र कैलेंडर के आठवें दिन शुरू होता है, जो पूर्णिमा तक चलता है। इस मेले के शुरूआती दिनों में ऊंट और पशु व्यापार पूरे चरम पर होता है। मेले के आखरी दिनों में धार्मिक गतिविधियों की अधिकता होती हैं। इस दौरान यहां आने वाले भक्त लोग पवित्र ‘सरोवर‘ झील में डुबकी लगाते हैं, जिसका पवित्र जल मोक्ष प्रदाता माना जाता है।

विष्व प्रसिद्ध पांच दिवसीय यह मेला प्रति वर्ष राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग, पशु पालन विभाग द्वारा पुष्कर मेला विकास समिति के सहयोग से आयोजित किया जाता है।