राजस्थान मेला प्राधिकरण विधेयक में संशोधन की मांग को लेकर सर्वधर्म संरक्षण समिति की ओर से कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। समिति के सदस्यों ने बिल में शामिल सख्त प्रावधानों को लेकर बिल को रद्द करने की मांग की।
लोहागर्ल धाम सूर्य मंदिर के पीठाधीश्वर महंत अवधेशाचार्य ने कहा कि राजस्थान एक धार्मिक स्थल है और यहां हर साल कई धार्मिक और सांस्कृतिक मेलों का आयोजन होता है। यहां देश-विदेश से पर्यटक और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में आते हैं। आयोजनों की पूरी जिम्मेदारी इवेंट मैनेजमेंट पर डालना ठीक नहीं है। इसमें आयोजकों को प्रशासन का भी सहयोग मिलना चाहिए ताकि व्यवस्था बनी रहे।
महंत अवधेशाचार्य महाराज ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में ‘राजस्थान मेला प्राधिकरण विधेयक’ पारित हो चुका है। अब सिर्फ राज्यपाल ही इस बिल में संशोधन या रद्द कर सकते हैं। ऐसे में सरकार को या तो इस बिल को वापस ले लेना चाहिए या फिर इसे रद्द कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बिल को लेकर प्रदेश भर के धर्मगुरु निराश हैं। इस मौके पर पुजारी ताराचंद, मधुसूदन आचार्य, विजय शर्मा, विक्रम सिंह, महेश सिंघी, राजेंद्र मुंडरू, सुरेंद्र त्रिहन, मनोज शर्मा, अमन कामदार, सरिता शर्मा, ज्योति तनवानी, संध्या अवस्थी सहित कई संत, महंत और धर्मगुरु मौजूद थे।