राजस्थान विधानसभा में शुरू हुए सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सदन को संबोधित किया। राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के अभिभाषण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण शुरू हुआ। सदन में राष्ट्रपति के इस संबोधन की शुरुआत पहली बार द्रौपदी मुर्मू ने ‘राजस्थानी’ में की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य की अपनी बोली में संबोधन शुरू कर ‘राजस्थानी’ का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा, माणो सम्माणो और बलिदान सुरोगी राजस्थान की धोरा री धरती रा निबासिया ना घणी शुभकामनाएं’। राजस्थान विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका था जब कोई राष्ट्रपति सदन में अभिभाषण दे रहा था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, राजस्थान विधानसभा द्वारा 71 वर्षों का गौरवशाली इतिहास रचा गया है। इसके लिए मैं राज्य के प्रबुद्ध लोगों, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और सभी विधायकों को बधाई देती हूं। इस अवसर पर मैं सभी देशवासियों की ओर से सभी पूर्व राज्यपालों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, विधानसभा अध्यक्षों और विधायकों के योगदान स्मण करती हूं। यह राजस्थान के लिए गौरव की बात है कि संसद के दोनों सदनों की अध्यक्षता राजस्थान विधानसभा के पूर्व विधायक कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति के तौर पर राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार शाम तीन दिवसीय राजस्थान दौरे पर आई हैं। शाम 6 बजे जब वह वायुसेना के विशेष विमान से जयपुर पहुंचीं तो राज्यपाल कलराज मिश्र, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी और कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत उन्हें लेने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति का राजस्थानी परंपरा से स्वागत करने के बाद वह सीधे राजभवन पहुंचीं। राष्ट्रपति का रात्रि विश्राम राजभवन में ही हुआ। राष्ट्रपति बनने के बाद वह दूसरी बार जयपुर आई हैं। इससे पहले वह 3 जनवरी 2023 को राजभवन में संविधान पार्क का उद्घाटन करने जयपुर आई थीं।