आतंकवाद और आर्टिकल 35A के लिए जाती सेना
आतंकवाद और आर्टिकल 35A के लिए जाती सेना

पिछले कुछ दिनों में भारतीय सेना में काफ़ी हलचल देखि जा रही है। केवल दस दिनों के भीतर ही भारत सरकार ने दो बार में लगभग 38 हज़ार जवानों को 100 टुकड़ियों को जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना किया है। ऐसा लगता है जैसे सरकार आतंकवाद और आर्टिकल 35A दोनों को जम्मू-कश्मीर से एक साथ ख़त्म करने की तैयारी चल रही है। जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त, 2019 तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा को भी 2 अगस्त को ही रोक दिया गया। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में जितने भी टूरिस्ट घूमने गए हैं, उन्हें वापस जाने का आदेश निकाल दिया गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि लोग जल्द से जल्द अपनी यात्रा को पूरी करके लौट जाएं। इस एडवाइजरी के पीछे वजह बताई गई है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी कोई बड़ा हमला करने की फिराक में हैं।

अमरनाथ यात्रा पर हमले की कोशिश

2 अगस्त को सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरक्षाबलों ने बताया कि आतंकी अमरनाथ यात्रियों पर स्नाइपर राइफल से हमला करने की कोशिश में थे, लेकिन सुरक्षाबलों ने आतंकियों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया।

चिनार कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने बताया-

सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा के रूट पर आतंकियों के एक ठिकाने से अमेरिकन स्नाइपर राइफल एम-24 और दूरबीन बरामद की है। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना की बारूदी सुरंग और आईडी भी बरामद हुई हैं।

शायद इसीलिए हो सकता है भारत ससरकार आतंकवाद और आर्टिकल 35A की समस्या को एक साथ सुलझाने का मानस बना रही हो।

आतंकवाद और आर्टिकल 35A के लिए 38,000 जवानों को भेजा

आतंकवाद और आर्टिकल 35A के लिए दस दिनों के भीतर कश्मीर में सेना की 100 टुकड़ियां भेजी गयी
दस दिनों के भीतर कश्मीर में सेना की 100 टुकड़ियां भेजी गयी

जम्मू और कश्मीर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के आलावा करीब 90,000 सेना, सीआरपीएफ और केंद्रीय बलों के जवान तैनात हैं। आतंकी हमले की आशंका के चलते पिछले 10 दिनों में 38,000 और नए जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा कश्मीर घाटी में एयर फोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राष्ट्रीय राइफल्स और सेना की दूसरी यूनिट्स को एलओसी और आस-पास के इलाकों में तैनात किया जा रहा है, ताकि आतंकवाद को पूरी तरह से ख़त्म किया जा सके। इस मामले में जम्मू- कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा-

हमें इनपुट मिल रहे हैं कि घाटी में आतंकी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं, इसलिए हमने ग्राउंड पर ग्रिड को मजबूत करने की कोशिश की है। हम पिछले कुछ महीनों से सक्रिय हैं। लगातार काम कर रहे हैं। हमारे जवानों को आराम का बिल्कुल मौका नहीं मिला है। अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों ने घाटी का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी। आतंकियों के पास से एम-24 स्नाइपर राइफल बरामद की गई थी।

सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा के रूट पर आतंकियों के एक ठिकाने से अमेरिकन स्नाइपर राइफल एम-24 और दूरबीन बरामद की

हाल ही में आतंकियों को फंडिंग करने वालों को किया था गिरफ़्तार

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और आर्टिकल 35A को लेकर 15 अगस्त को आतंकी हमले का अंदेशा जताया जा रहा है
जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त को आतंकी हमले का अंदेशा जताया जा रहा है

अभी कुछ दिनों पहले ही भारत के प्रवर्तन निदेशालय ने हाफिज सईद के गुर्गे जहूर अहमद शाह वटाली और उसके परिवार के सदस्यों की 1.73 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी ने ये भी पता लगाया कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों पर पत्थरबाज़ी और हमला करने वालों को धन मुहैया करवाने के पीछे वहां के के सरकारी कर्मचारी भी शामिल है। ईडी, आयकर विभाग और एनआईए ने ऐसे कई कर्मियों और सामाजिक संगठनों का पता लगाया है, जिनके यहां से गैर-कानूनी लेनदेन हुआ है।

 

स्वतंत्रा दिवस पर आतंकी हमले की आशंका के चलते अमरनाथ यात्रा को 15 अगस्त तक स्थगित किया गया

आतंकवाद और आर्टिकल 35A के ख़िलाफ़ लहरायेगा तिरंगा

15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदात के अंदेशे के चलते एयरफ़ोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है
15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदात के अंदेशे के चलते एयरफ़ोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है

जम्मू-कश्मीर ने और 38,000 जवानों की तैनाती उस वक्त में हुई है जब गृह राज्य मंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने 24 जुलाई को राज्यसभा में बताया था कि जम्मू-कश्मीर में स्थितियां पहले से बेहतर हुई हैं। उन्होंने बताया था कि जनवरी, 2019 से जुलाई 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर में कुल 126 आतंकी या तो मारे गए हैं या फिर गिरफ्तार किए गए हैं। लेकिन इसी वजह से सवाल भी उठ रहे हैं कि जब कश्मीर में शांति है तो फिर सेना के अतिरिक्त जवानों की तैनाती क्यों। इसके पीछे एक तर्क दिया जा रहा है कि इस साल 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर की हर पंचायत में तिरंगा फहराने का फैसला लिया गया है। इस दौरान आतंकी कोई वारदात न कर सकें, इसके लिए सेना के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा रही है।

लेकिन महबूबा मुफ़्ती ने ‘जलाकर राख कर देने’ की धमकी दे डाली

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री। महबूबा मुफ्ती ने 28 जुलाई एक रैली को संबोधित किया। कहा कि आर्टिकल 35ए के साथ छेड़छाड़ करना, बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा। जो हाथ 35ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं सारा जिस्म जल के राख हो जाएगा।

महबूबा मुफ्ती ने कहा-

अपने पास जो है, कश्मीरियों को उसकी रक्षा करनी चाहिए। हमारे पास संविधान है, हमारे पास ऐसा दर्जा है जिससे बाहरी लोग यहां प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते। आज हालत ऐसा है कि घाटी में डर का माहौल है, जम्मू कश्मीर बैंक को समाप्त कर दिया गया। धीरे धीरे वे सब कुछ ख़त्म करना चाहते हैं। उमर कहते हैं कि दिल्ली को 35ए में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि सुप्रीम कोर्ट को यह मामला देखना चाहिए। हम दिल्ली से कहना चाहते हैं कि 35ए से छेड़छाड़ बारूद को छूने जैसा है। हम अपनी आखिरी सांस तक कश्मीर की रक्षा करेंगे। हमें एक बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहने की जरूरत है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन असली लड़ाई जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के लिए लड़ना है। हम राज्य की स्थिति को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।

आर्टिकल 35A को हटाने पर महबूबा मुफ़्ती ने जलाकर राख़ कर देने की धमकी दी है
आर्टिकल 35A को हटाने पर महबूबा मुफ़्ती ने जलाकर राख़ कर देने की धमकी दी है

इससे पहले 27 जुलाई को महबूबा ने कहा था

10 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती के फैसले ने घाटी के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है, जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी। भारत सरकार को अपनी नीति पर फिर से विचार और सुधार करने की जरूरत है।

क्या है आतंकवाद और आर्टिकल 35A

मशहूर आतंकी हाफिज सईद द्वारा कश्मीर में पत्थरबाज को फंडिंग कराई जाती है।
मशहूर आतंकी हाफिज सईद द्वारा कश्मीर में पत्थरबाज को फंडिंग कराई जाती है।

आतंकवाद के बारे में तो आप पहले से ही जानते हैं। आज हम आपको आर्टिकल 35A की जानकारी दे देते हैं। आर्टिकल 35A के मुताबिक जम्मू कश्मीर सरकार उन लोगों को स्थाई निवासी मानती है जो 14 मई 1954 से पहले 10 साल तक जम्मू-कश्मीर में रहा हो और उसके पास जम्मू-कश्मीर में संपत्ति हो। ऐसे स्थाई निवासियों को जमीन ख़रीदने, रोजगार पाने और सरकारी योजनाओं में विशेष अधिकार मिले हैं। देश के किसी दूसरे राज्य का निवासी जम्मू-कश्मीर में जाकर स्थाई निवासी के तौर पर नहीं बस सकता. दूसरे राज्यों के निवासी ना कश्मीर में जमीन ख़रीद सकते हैं, ना राज्य सरकार उन्हें नौकरी दे सकती है। यानी यह आर्टिकल दूसरे राज्यों के जैसे नागरिक अधिकार हासिल करने पर पूरी तरह से रोक देता है।

जम्मू-कश्मीर में गस्त के दौरान सुरक्षाबलों के जवान
जम्मू-कश्मीर में गस्त के दौरान सुरक्षाबलों के जवान

जबकि जम्मू-कश्मीर के स्थाई नागरिक देश के किसी भी दूसरे राज्य में जाकर रह सकते हैं, ज़मीन ख़रीद सकते हैं, व्यापर कर सकते हैं। यहाँ तक की जम्मू-कश्मीर के पुरुष देश की किसी भी क्षेत्र की महिला से शादी करके उसी के क्षेत्र में बस सकते हैं लेकिन वहां की महिला से कोई दूसरे राज्य का व्यक्ति शादी नहीं कर सकता। लेकिन जम्मू-कश्मीर की महिलायें पाकिस्तान के किसी भी व्यक्ति से शादी कर उसे भारत की नागरिकता दिला सकती हैं। ऐसे में आर्टिकल 35A देश और भारत की सेना के लिए कितना भयानक है। ये तो हम अंदाज़ा लगा ही सकते हैं।

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