

विधानसभा में अगले महीने पेश होने वाले बजट से पहले सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में स्वयंसेवी संगठनों सिविल सोसायटी, उपभोक्ता मंच, युवाओं, महिलाओं, प्रोफेशनल्स,प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं आदि के साथ बजट पूर्व संवाद किया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास प्रदेश के बजट को अधिक समावेशी टिकाऊ और विकासोन्मुखी बनाना है। इस दिशा में हमने बजट प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी ली जा रही है। समाज के हर वर्ग के विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों से सुझाव लिया जा रहा है ताकि धरातल की वास्तविकता जानकर बजट तैयार किया जा सके। मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि हमने बजट प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। प्रदेश इसी तरह तेजी के साथ आगे बढ़ता रहे, इसके लिए एक बेहतर बजट बनाना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर वर्ग से सुझाव लिए जा रहे हैं। बैठक में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रदेश में शिक्षा,कौशल विकास,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं,महिला सशक्तीकरण,पर्यटन, खेलों में सुधार सहित अन्य क्षेत्रों के विकास एवं उन्नयन को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नए बजट को लेकर विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के साथ चर्चा हो रही है। वित्त विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बजट बनाने से पहले विभिन्न व्यापारिक औद्योगिक संगठनों से राय ली जाती है। जिससे बजट को और भी बेहतर बनाया जा सके। इसी कडी में सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 11 बजे से विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों से बजट को लेकर चर्चा हो रही है। वहीं दो दिन की प्री बजट बैठकों में मिले सुझावों का परीक्षण कर उनको बजट में शामिल किया जाएगा।
इस अवसर पर मंत्रिपरिषद के सदस्य, विभिन्न आयोगों एवं बोर्ड के अध्यक्ष, प्रमुख सचिव वित्त पीएस मेहरा सहित अन्य आला अफसर भी मौजूद थे।