राजस्थान सरकार आने वाले बजट में 4 से 6 नए जिले बनाने की घोषणा कर सकती है। नए जिलों के गठन के लिए परमेशचंद की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट लगभग तैयार है। सरकार से इशारा मिलते ही परमेशचंद कमेटी नए जिलों पर अपनी सिफारिश की रिपोर्ट कभी भी सरकार को सौंप सकती है। परमेशचंद कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार नए जिलों की घोषणा करेगी। विधानसभा चुनाव में महज पौने दो साल का वक्त बचा है, राजनीतिक नफे नुकसान का आकलन करते हुए सरकार इसी बजट में नए जिले बनाने की घोषणा पर गंभीरता से विचार कर रही है
क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य
क्षेत्रफल के हिसाब से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां जिले केवल 33 हैं। 26 जनवरी 2008 को प्रतापगढ़ आखिरी जिला बना था। उसके बाद अब तक कोई नया जिला नहीं बना है। पिछले कांग्रेस राज में नए जिलों के लिए रिटायर्ड आईएएस जीएस संधू की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी, लेकिन उस कमेटी की रिपोर्ट पर गहलोत सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
नए जिले बनाने का राजनीतिक दबाव
मौजूदा सरकार पर नए जिले बनाने का काफी राजनीतिक दबाव है। परमेश चंद कमेटी के पास 24 जिलों की 49 जगहों से नए जिले बनाने की मांग के प्रस्ताव, ज्ञापन आए हैं, सबसे ज्यादा नागौर से पांच जगहों से नए जिलों की मांग उठ रही है। जयपुर और गंगानगर से 4-4 जगहों से नए जिलों की मांग है।
अजमेर, उदयपुर, अलवर, पाली, सीकर, भरतपुर की 3-3 जिलों से नए जिलों की मांग उठ रही है। परमेश चंद कमेटी ने नए जिलों के लिए 15 मापदंड तय किए हैं, जिनके आधार पर सरकार नए जिले बनाएगी। नए जिलों के गठन में होने वाला खर्च भी सरकार को ध्यान में रखना होगा।
एक मोटे अनुमान के मुताबिक हर नए जिले पर पांच साल के दौरान करीब 900 करोड़ रुपए का खर्च करना होगा। सालाना करीब 150 करोड़ का रिकरिंग खर्च और होगा जो इससे अलग होगा। फिलहाल भाजपा विधायक हो या मंत्री सभी नए जिलों की घोषणा पर दबाव बना रहे हैं। हालांकि, सरकार के लिए सभी जगहों की मांगें मानना संभव नहीं है लेकिन चुनाव नजदीक देखते हुए सरकार के लिए अब नए जिलों की घोषणा को ज्यादा समय रोकना फायदे में नहीं होगा।
इन 24 जिलों से उठ रही है मांग
जयपुर- सांभरलेक, शाहपुरा, फुलेरा, कोटपुतली, शाहपुरा
जोधपुर- फलौदी
अजमेर- ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज-किशनगढ़
उदयपुर- सलूंबर, खैरवाड़ा, सराड़ा
अलवर- बहरोड़, खैरथल, भिवाड़ी, नीमराना
पाली- बाली, सुमेरपुर, फालना
श्रीगंगानर- अनूपगढ़, सूरतगढ़, घड़साना, श्रीविजयनगर
चूरू- सुजानगढ़, रतनगढ़
नागौर- डीडवाना, कुचामन सिटी, मकराना, मेड़ता सिटी, सुजला क्षेत्र- सुजानगढ़, जसवंतगढ़ और लाडनूं का क्षेत्र मिलाकर सुजला के नाम से नए जिले की मांग।
बाड़मेर- बालोतरा
सीकर- नीमकाथाना, फतेहपुर शेखावाटी, श्रीमाधोपुर
भरतपुर- डीग, बयाना, कामां
दौसा- महवा, बांदीकुई
सवाईमाधोपुर- गंगापुरसिटी
जैसलमेर- पोकरण
बारां- छबड़ा
करौली- हिंडौनसिटी
हनुमानगढ़- नोहर, भादरा
बीकानेर- नोखा
भीलवाड़ा- शाहपुरा
झालावाड़- भवानीमंडी
जालोर- भीनमाल
चित्तौड़गढ़- रावतभाटा
कोटा- रामगंजमंडी