मंगलवार को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गये।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पीपीपी मॉडल पर संचालित होंगे
मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों को उत्कृष्ट् शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग की सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) नीति-2017 को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत प्रथम चरण में राज्य के कुल 9895 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से 300 विद्यालयों को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा, राज्य के आदर्श विद्यालय तथा जिला विद्यालय नीति से बाहर रहेंगे। इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को वर्तमान में उपलब्ध अनुदान, छात्रवृत्ति और मिड-डे-मील आदि सभी सुविधाओं का लाभ मिलता रहेगा साथ ही, विद्यार्थियों या अभिभावकों पर फीस के रूप में कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा।
पीपीपी नीति के तहत विद्यालयों के संचालन के लिए रिवर्स बिडिंग के माध्यम से शिक्षण संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। निजी सहभागी को विद्यालय आवंटित होने पर उसे आधारभूत संरचना के विकास के लिए 75 लाख रुपये प्रति स्कूल खर्च करने होंगे। अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों पर वर्तमान में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रति विद्यार्थी खर्च का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
जापान इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफेक्चरिंग की स्थापना
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री के साथ हुए एमओयू की अनुपालना में अलवर जिले के नीमराना में कौशल विकास केन्द्र के रूप में जापान इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफेक्चरिंग की स्थापना की जाएगी। इस केन्द्र में आगामी 10 वर्षों में 30 हजार इंजीनियर और तकनीकी अधिकारियों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।