जयपुर। 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में जान गंवाने वाले जवानों की वीरांगनाओं के विरोध के मामले को लेकर जयपुर में आज बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय से निकले तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। प्रदर्शन को शांत कराने पहुंची पुलिस की बीजेपी कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई। प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने राजस्थान के डिप्टी एलओपी राजेंद्र राठौर के साथ कुछ अन्य बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में ले लिया।

कई नेताओं को हिरासत में लिया
विरोध प्रदर्शन के दौरान विधायक मदन दिलावर पुलिस जवानों के पैरों में लेट गए। बैरिकेड पार करने के प्रयास में प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के पैर में चोट लग गई। करीब ढाई घंटे के प्रदर्शन के बाद भाजपा नेता-कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां दीं। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने विद्याधर नगर ले जाकर छोड़ दिया। इससे पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने सभा भी की।

दौसा—करौली से समर्थक भी पहुंचे
आपको बता दें कि सांसद किरोड़लाल शहीदों की पत्नियों से मिलने उनके गांव जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और बदसलूकी की। भाजपा नेताओं में सांसद से हुई बदसलूकी को लेकर नाराजगी है। इस प्रदर्शन में दौसा, करौली से किरोड़ीलाल समर्थक भी पहुंचे हैं। वहीं, सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एडमिट सांसद किरोड़ीलाल की हालात सामान्य बताई जा रही है।

पुलिस ने मुझे मारने की कोशिश की : किराेड़ी
करोड़ी लाल मीणा शहीदों की पत्नियों से मुलाकात करने के लिए चौमू कस्बे जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। उन्हें हिरासत में लिया गया है। किरोड़ी लाल मीणा को घटना के बाद गोविंदगढ़ के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर उनकी सेहत के कारण उन्हें वहां से जयपुर के एसएमएस अस्पताल भेज दिया गया। किरोड़ी लाल मीणा ने ट्वीट कर आरोप लगाया, पुलिस ने मुझे मारने की कोशिश की, लेकिन वीरांगनाओं, युवा, बेरोजगारों और गरीबों के आशीर्वाद से बच गया। मुझे चोट आई है। गोविंदगढ़ अस्पताल से मुझे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल रेफर किया गया है।

पायलट कांग्रेस सरकार कसा तेज
शुक्रवार शाम को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने शहीदों की पत्नियों मुद्दे को लेकर सरकार और सीएम पर तंज कसा। उन्होंने कहा, शहीदों की पत्नियों सुना जाना चाहिए था, उनकी मांगों को मानना या नहीं मानना, बाद का मुद्दा है। जहां तक नौकरियों की बात है, किसी को एक-दो नौकरी देने से बदलाव आने वाला नहीं है। पायलट ने कहा, मुद्दा मार्मिक है तो उसे उसी तरह से डील भी करना चाहिए।

सचिन बोले- शहीदों की पत्नियों को धरने उठाना गलत
पायलट ने शहीदों की पत्नियों को धरने से उठाने को भी गलत बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति को धरना देने,प्रदर्शन करने और अपनी बात रखने का अधिकार है, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। किसी व्यक्ति ने उनके साथ इस तरह का बर्ताव किया और करवाया है उस पर जांच करवाकर कार्रवाई करनी चाहिए, मैं आज भी उस बात पर कायम हूं।