पीएम नरेंद्र मोदी राज्य के लोक देवता भगवान देवनारायण की 1111वीं जयंती के लिए भीलवाड़ा जिले के आसींद में पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपना संबोधन मालासेरी डूंगरी की, साडू माता की, सवाई भोज महाराज की, देवनारायण भगवान का जयकारा  लगवाकर शुरू किया और मोदी ने कहा कि इन सबकी तपोभूमि  महादानी  बगड़ावत शूरवीरां की धरती, देवरानायण जी की पावन भूमि न म्हारो प्रणाम।

एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूंमोदी

मोदी ने कहा कि भगवान देवनारायण का बुलावा आए तो कोई मौका नहीं छोड़ता, इसीलिए मैं हाजिर हो गया। यहाँ कोई प्रधानमंत्री नहीं आया है, मैं पूरे भक्तिभाव से आप ही की तरह एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं।

भारत को कोई ताकत समाप्त नहीं कर पाईमोदी

उन्होंने कहा- मुझे यज्ञशाला में पूर्णाहुति देने का भी सौभाग्य मिला। मेरे लिए यह भी सौभाग्य का विषय है कि मुझे जैसे सामान्य व्यक्ति को आज आपके बीच आकर भगवान देवनारायण का और उनके भक्तों का आशीर्वाद प्राप्त करने का पुण्य मिला है।

मोदी ने कहा कि हम भारत के हजारों वर्षों पुराने अपने इतिहास, संस्कृति और सभ्यता पर गर्व करते हैं। दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के साथ समाप्त हो गईं। परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं। भारत को भी भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन भारत को कोई ताकत समाप्त नहीं कर पाई।

भारत सिर्फ एक भूभाग नहीं है, बल्कि हमारी श्रृद्धा की एक अभिव्यक्ति है

मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ एक भू-भाग नहीं है, बल्कि हमारी श्रृद्धा की एक अभिव्यक्ति है, इसलिए वैभवशाली भविष्य की नींव भारत रख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा, सबसे शक्ति हमारे समाज की है।

मोदी ने कहा कि गुर्जर समाज शौर्यपराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है

मोदी ने कहा कि गुर्जर समाज शौर्य-पराक्रम और देशभक्ति का पर्याय रहा है। राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा में हर वक्त प्रहरी की भूमिका निभाई है। गुर्जर समाज के युवा जो हकदार थे, उनको उनका हक नहीं मिला। युवा भगवान देवनारायण के संदेशों को और मजबूती से आगे बढ़ाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का ये समय भारत और राजस्थान के लिए बहुत अहम है।

भगवान देवनारायण जी ने कमल के फूल में अवतार लिया था और हम भी कमल के फूल वाले ही हैं – मोदी

हमें एकजुट होकर विकास के लिए काम करना है। पूरी दुनिया भारत की ओर उम्मीदों से देख रही है। भगवान देवनारायण जी ने कमल के फूल में अवतार लिया था और हम भी कमल के फूल वाले ही हैं। इसलिए आपके समाज का हमसे विशेष रिश्ता है।

भारत ने जिस तरह पूरी दुनिया को सामर्थ्य दिखाया है, उसने शूरवीरों की इस धरती का भी गौरव बढ़ाया है। भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है। भारत अपनी निर्भरता दूसरों पर कम कर रहा है। ऐसी बात जो देश की एकता के लिए खिलाफ है, उससे दूर रहना है।

वंचितों को वरियता देने के मंत्र लेकर हम चल रहे हैं

मोदी ने कहा कि बीते 8-9 सालों से समाज के उपेक्षित, वंचित वर्ग को सशक्त करने का प्रयास किया जा  रहा है। वंचितों को वरियता देने के मंत्र लेकर हम चल रहे हैं। आप याद करें कि राशन कितना मिलेगा, मिलेगा या नहीं, यह बड़ी चिंता होती थी। आज हर लाभार्थी को मुफ्त राशन पूरा मिल रहा है, अस्पताल में मुफ्त इलाज, घर-शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन की चिंता दूर कर दी है।

बैंक से लेन-देन कम लोगों को नसीब था, आज सबके लिए दरवाजे खोल दिए हैं। मोदी ने कहा कि पानी का क्या महत्व होता है, ये राजस्थान से बेहतर कौन जान सकता है, लेकिन आजादी अनेक दशकों बाद भी देश में 16 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण परिवारों को संघर्ष करना पड़ता था, बीते साढ़े 3 साल के भीतर देश में हुए प्रयास के कारण 11 करोड़ परिवारों तक पाइप से पानी पहुंच रहा

भगवान देवनारायण लोकजीवन में परिवार के मुखिया की तरह हैं

पीएम मोदी ने कहा, ‘श्री देवनारायण जी भगवान ने समाज में समरसता के भाव को फैलाया, समाज को एकजुट किया, एक आदर्श व्यवस्था कायम करने की दिशा में काम किया। यही कारण है कि समाज के हर वर्ग में उनके प्रति श्रद्धा और आस्था है। इसलिए भगवान देवनारायण लोकजीवन में परिवार के मुखिया की तरह हैं। उन्होंने हमेशा सेवा और जन कल्याण को सर्वोच्चता दी।’

पीएम ने कहा, बीते 8-9 वर्षों से देश समाज के हर उस वर्ग को सशक्त करने का प्रयास कर रहा है, जो उपेक्षित रहा है, वंचित रहा है। भगवान देवनारायण ने जो रास्ता दिखाया है, वो सबके साथ से सबके विकास का है। आज देश इसी रास्ते पर चल रहा है।

उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मैंने लाल किले से पंच प्राणों पर चलने का आग्रह किया था। उद्देशय यही है कि हम सभी अपनी विरासत पर गर्व करें, गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलें और देश के लिए अपने कर्तव्यों को याद रखें।’

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि किसान को आज हर संभव मदद मिल रही है। छोटा किसान कभी सरकार की मदद के लिए तरसता था उसे भी पहली बार PM किसान सम्मान निधि से सीधी मदद मिल रही है। भगवान देवनारायण ने गौसेवा को समाज सेवा और सशक्तिकरण का माध्यम बनाया था।

राजस्थान धरोहरों की धरती है, शौर्य यहां घरघर का संस्कार है

पीएम ने कहा, ‘राजस्थान धरोहरों की धरती है, यहां सृजन है, उत्साह और उत्सव है, परिश्रम और परोपकार है, शौर्य यहां घर-घर का संस्कार है। इतना ही महत्व यहां के जन-जन के संघर्ष और संयम का भी है। ये प्रेरणा स्थली भारत के अनेक गौरवशाली पलों की साक्षी रही है। यहां के महापुरुषों, जननायकों, लोकदेवताओं और समाज सुधारकों ने हमेशा ही देश को रास्ता दिखाया है।’

भारत डंके की चोट पर अपनी बात कह रहा है

पीएम ने कहा, ‘आज का भारत नया भारत’ बीते दशकों में हुई भूलों को सुधार रहा है। भारत के विकास में जिसका भी योगदान रहा है, उनको सामने लाया जा रहा है। पूरी दुनिया भारत की ओर बहुत उमीदों से देख रही है। आज भारत डंके की चोट पर अपनी बात कह रहा है, भारत दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता को कम कर रहा है। ऐसी हर बात जो हम देशवासियों की एकता के खिलाफ है, उस से हमें दूर रहना है।’

उन्होंने कहा, हम कड़ा परिश्रम करेंगे, सब मिल कर करेंगे और सबके प्रयास से सिद्धि प्राप्त हो कर ही रहेगी। मैं समाज का बहुत आभारी हूं कि उसने मुझे एक भक्त की तरह यहां बुलाया। समाज की शक्ति और समाज की भक्ति ने मुझे प्रेरित किया और मैं आज यहां पहुंच गया।

इससे पूर्व हेलीपेड़ पर पीएम मोदी का केन्द्रिय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, भाजपा प्रभारी चंद्रशेखर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, सांसद सुभाष बहेड़िया, कर्नाटक राज्यपाल के ओएसडी शंकरलाल गुर्जर ने अगवानी की। विधायक कैलाश मेघवाल विठलशंकर अवस्थी, गोपीचंद मीणा, जब्बरसिंह सांखला, पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, सभापति राकेश पाठक, भाजपा जिला अध्यक्ष लादूलाल तेली, रोशन मेघवंशी ने स्वागत किया।

मालासेरी में उमड़ा जन सैलाब

भगवान देवनारायण के जन्मस्थल मालासेरी में आज हुए अवतरण महोत्सव में करीब ढाई लोग पहुंचे। देश के विभिन्न भागों से गुर्जर समाज सहित अन्य समाजों से लोग पहुंचे। ग्रमाीण परिवेश में सजधज कर महिला पुरूष देवनारायण के भजन गाते हुए कार्यक्रम में पहुंचे। लोगों को सुबह सर्दी में आने में दिक्कत हुई पर आस्था के चलते एवं मोदी को देखने के लिए उनका उत्साह कम नहीं हुआ।