राजस्थान के धौलपुर जिले के गांव धनौरा को इस साल का ‘आदर्श ग्राम सम्मान’ खिताब का प्रथम पुरस्कार मिला है। 16 जुलाई 2018 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित फाउंडेशन के न्यू इंडिया कॉन्क्लेव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्मार्ट विलेज धनौरा को ‘आदर्श ग्राम सम्मान’ का खिताब देकर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया। कभी डाकुओं के आतंक और खौफ के नाम से कांपने वाले धनौरा गांव को इस तरह का सम्मान मिलना सच में एक बड़ी कामयाबी कही जा सकती है। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस, युवा मामलों के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, पंचायती राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आदि उपस्थित थे।
#Dholpur के धनौरा गांव को माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी द्वारा ‘आदर्श ग्राम सम्मान‘ का खिताब देकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर सक्रिय सहभागिता निभाने तथा अमूल्य योगदान देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं।#SmartVillage pic.twitter.com/ECOR5F64mR
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) July 18, 2018
धनौरा को क्यों मिला यह सम्मान
धनौरा (धौलपुर, राजस्थान) बाड़ी कस्बे से 5 किमी. की दूरी पर उत्तर पूर्व में एक छोटा सा गांव है। यहां घरों और स्कूलों में आधुनिक शौचालय, गांव में सड़कों से लेकर गलियों तक पूरा माहौल एकदम स्वच्छ है। हर घर में टॉयलेट्स, सीवरेज लाइन, सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, विद्यालय में बच्चों के लिए आधुनिक शौचालय और सार्वजनिक स्थान पर शौचालय निर्माण किया गया है। गांव में उच्च कोटि की सीमेंटेड सड़कें व आधुनिक गौरव पथ है। गांव की गलियों में, घरों की बाहरी दीवारों पर सुंदर और प्रेरणादायक भित्ति चित्र, स्लोगन और प्रेरक पंक्तियां द्वारा गांव एक आर्ट गैलरी में तब्दील हो चुका है।
क्राइम-फ्री विलेज धनौरा
धनौरा को क्राइम-फ्री विलेज घोषित किया जा चुका है। यानि यहां अपराध न के बराबर है। इसके अतिरिक्त गांव के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ‘उत्थान कोचिंग संस्थान’ का गठन किया गया है। जल संरक्षण और संवर्धन के लिए ढाई किमी. लंबी मानव निर्मित नहर और 8 परकोलेशन तालाबों का निर्माण, सार्वजनिक स्थानों पर सोलर लाइट यहां देखने को मिलेंगी। कर्मचारियों के नियमित आर्थिक योगदान से गांव में सामुदायिक भवन और पुस्तकालय का निर्माण किया गया है।
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