नई दिल्ली | इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल की फुसफुसाहट शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में कैबिनेट में  कर सकते हैं फेरबदल |

इस फेरबदल में राजस्थान की भागीदारी को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। भाजपा के जानकार सूत्र बताते हैं कि इस साल होने जा रहे चुनावों में जातिगत समीकरण साधने के लिहाज से केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान से कुछ नए चेहरे शामिल होने की संभावना है |

मौजूदा टीम में राजस्थान की भागीदारी कम होने के कारण इस बात की ज्यादा संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में दो सांसदों को मंत्री पद मिल सकता है। वहीं संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की टीम का विस्तार होने की स्थिति में वहां भी राजस्थान से एक या दो नए चेहरे शामिल हो सकते हैं।

जुलाई 2021 के बाद मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल नहीं हुआ है। इसके बाद गुजरात और हिमाचल के चुनाव हो चुके हैं। अब चुनावी राज्यों में मैसेज देने के लिए मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल तय माना जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मौजूदा मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर भी फेरबदल में कुछ चेहरों की भूमिका तय होगी। जिनकी परफॉर्मेंस अपने मंत्रालयों में अच्छी रही है, उनका प्रमोशन भी हो सकता है।

गैर आरक्षित वर्ग और आदिवासी वर्ग कैबिनेट की दौड़ में आगे

मोदी कैबिनेट में राजस्थान से अभी गैर आरक्षित और आदिवासी वर्ग की भागीदारी कम होने के कारण माना जा रहा है कि इन दोनों वर्गों से एक-एक सांसद को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। यह भी संभव है कि मौजूदा एक या दो मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी देकर उनकी जगह उन वर्गों को मौका दिया जाए, जिनकी अभी मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं है।

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्वी राजस्थान और उदयपुर संभाग में कांग्रेस से पिछड़ गई थी। इस बार इन इलाकों पर भाजपा ज्यादा जोर लगाएगी। सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट में इन इलाकों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस साल जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां के लिए पार्टी अपनी अलग रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है। चुनावी राज्यों में भाजपा बड़े जाति-समाजों को साध रही है। इसी रणनीति के तहत राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भागीदारी बढ़ाने पर पार्टी कवायद कर रही है।