प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश के पाली में कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ सीधा संवाद किया। केन्द्रीय विधि और न्याय, कारपोरेट कार्य राज्यमंत्री और पाली सांसद पीपी चौधरी के पाली कार्यालय ‘सांसद सेवा केन्द्र’ पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीएम मोदी ने महिलाओं से बात की। प्रधानमंत्री ने इन महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। पाली में आर्टिफिशियल ज्वैलरी और चूड़ी बनाने के रोजगार से जुड़ी गरीब नवाज स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष शांति देवी ने प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से आर्टिफिशियल ज्वैलरी और चूड़ी बनाने के रोजगार ने उनका और उनके जैसी तमाम महिलाओं का जीवन स्तर सुधारा। शांति देवी की पारिवारिक आर्थिक स्थिति ठीक नही थी। पति की स्वास्थ्य भी ठीक नही रहता था।
इन्होंने समूह का गठन कर 50 हजार रुपए का ऋण लेकर आर्टिफिशियल ज्वैलरी और चूड़ी बनाने का कार्य शुरू किया। समूह से जुड़ी महिलाओं की 2000 से 2500 प्रतिमाह की आय होने लगी। साल 2015 में इन्होंने पांच लाख का मुद्रा लोन लिया और समूह से और महिलाओं को जोड़ा। पहले 30 महिलाएं समूह में कार्य करती थी और अब 140 महिलाएं आर्टिफिशियल ज्वैलरी और चूड़ी बनाने का कार्य कर रही हैं। बाजार में इन्हें अच्छा भाव नही मिल रहा था तो इन्होंने राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों के मेला एवं प्रदर्शनी में भाग लेकर ज्वैलरी का विक्रय करना शुरू किया। समूह द्वारा निर्मित सामान का मूल्य तीन से चार गुना मिला और इनकी आय 5000 से 10000 रुपए प्रतिमाह होने लगी।
महिलाओं ने प्रधानमंत्री को बताया कैसे मुद्रा लोन योजना ने बदला जीवन
सरस्वती स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बाबली बाई गरासिया ने पीएम मोदी को जानकारी दी कि सीताफल के संवर्धन ने पाली जिले के अंतर्गत बाली जनजातीय क्षेत्र के परिवारों की आर्थिक स्थिति किस प्रकार सुधारी। इस क्षेत्र में संसाधनों और शिक्षा का अभाव है। इस क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से सीताफल भारी मात्रा में होता है। यहां की महिलाएं जंगल से सीताफल तोड़कर एक रुपए किलो के भाव से बेचा करती थी। यहां की महिलाओं ने संगठित होकर फेडरेशन के माध्यम से उदयपुर कृषि विश्वविद्यालय से सीताफल के मूल्य संवर्धन का प्रशिक्षण लिया और इन्होंने पांच लाख रुपए का ऋण लेकर सीताफल का पल्प निकालने की एक इकाई स्थापित की।
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इन्होंने ग्राम स्तर पर 16 कलेक्शन सेंटर बनाकर यह सीताफल 10 रुपए प्रति किलो के भाव से खरीदा। यह सीताफल 1200 परिवारों से खरीदा गया। इन परिवारों को 10000 रुपये प्रतिमाह आय हुई। इसके अलावा 150 महिलाओं को पल्प निकालने की अलग-अलग गतिविधियां जिसमें स्कूपिंग और पैकेजिंग आदि शामिल हैं, में दो माह तक दिन और रात की शिफ्ट में रोजगार मिला। जो पल्प इन्होंने 100 रुपए की लागत से निकाला, उसे इन्होंने आइसक्रीम कम्पनियों और कैटरिग इंडस्ट्री को 150 रुपए के भाव से बेचा। अंत में पीएम मोदी ने सभी महिलाओं की तारीफ की।