सिक्योर्ड फ्यूचर के लिए समय रहते रिटायरमेंट की प्लानिंग करना बेहद समझदारी भरा कदम है। लेकिन इससे भी ज्यादा समझदारी इसमें है कि हम नेशनल पेंशन स्कीम जैसी दूसरी स्कीम्स के बारे में भली प्रकार जान लें। नेशनल पेंशन स्कीम के तहत पेंशनर्स फंड प्रबंधन को लेकर राजस्थान को देश में बेस्ट स्टेट का पुरस्कार मिला है। पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण की ओर से सोमवार को नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में प्रदेश के वित्त विभाग के व्यय सचिव एससी दिनकर को यह पुरस्कार दिया गया।
क्यों मिला राजस्थान को नेशनल पेंशन स्कीम अवार्ड
एक जनवरी 2004 के बाद प्रदेश में नेशनल पेंशन स्कीम लागू की गई। इसमें पेंशनर 10 प्रतिशत अंशदान देता है और इसका मैचिंग अमाउंट राज्य सरकार जमा करवाती है। नोडल विभाग एसआईपीएफ है। प्रदेश में इस फंड का प्रबंधन करने के लिए ट्रस्टी बैंक बनाया गया, जिसके जरिए पेंशन फंड का सरकारी प्रतिभूतियों में विनिवेश किया जाता है। राजस्थान ने इस फंड में सबसे ज्यादा 7 हजार करोड़ रु. ट्रांसफर किए हैं। फंड प्रबंधन में आने वाली शिकायतों के निपटारे में भी राजस्थान देश में अव्वल रहा है। इसके अलावा फंड प्रबंधन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में भी राजस्थान देश में शीर्ष पर रहा है।
क्या हैं नेशनल पेंशन स्कीम
सरकार की पेंशन फंड रेगुलेटरी अथॉरिटी ने 18 से 60 साल के लोगों के लिए रिटायरमेंट की आय की व्यवस्था के लिए ये स्कीम लॉन्च की है। इसमें आपकी बचत आपकी 60 साल की उम्र पूरी होने तक लॉक इन रहती है। पेंशन अकाउंट दो तरह का होता है। पहला टियर वन अकाउंट, इसमें से पैसा नहीं निकाला जा सकता है। इसको 500 रुपए या ज्यादा रकम से खुलवाया जा सकता है। आपको सालाना कम से कम 6000 का बेलेंस रखना होता है। दूसरा टियर टू अकाउंट, यह स्वैच्छिक अकाउंट होता है। ये टियर वन अकाउंट होने पर ही खुलता है। इसको कम से कम 1,000 के डिपॉजिट से खोलना होता है। इसके बाद इसमें कम से कम 250 रुपए का निवेश किया जा सकता है। इस अकाउंट में सालाना 2,000 का बैलेंस होना जरूरी है।