बीकानेर। जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि बीकानेर गंगा-जमुनी तहजीब का शहर है। शहरवासियों के मन में एक-दूसरे के प्रति आदर-भाव यहां की विरासतन संस्कृति है। इन संस्कारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाएं तथा शहर का अमन-चैन बनाए रखने में अपनी भागीदारी निभाएं। जिला कलेक्टर ने बुधवार को शांति समिति बैठक के दौरान यह बात कही।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहरवासी, सभी त्योहार अपनी परंपरा के अनुसार मिल-जुलकर मनाएं। यहां का प्रेम और अपनापन बरकरार रहे, यह हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर बिना वेरीफाई कुछ भी साझा नहीं करें और बिना सक्षम अनुमति कोई भी आयोजन नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि सभी वर्ग समानता से अपने त्यौहार मनाएं तथा बीकानेर में शांति एवं कानून व्यवस्था बनी रहे, यह पुलिस प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि शांति समिति और सीएलजी सदस्य समाज के मौजीज लोग हैं तथा क्षेत्र में इनका प्रभुत्व होता है, ऐसे में बीकानेर की साझा संस्कृति को बनाए रखने में प्रभावी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी रैली अथवा जुलूस में डीजे की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) पंकज शर्मा तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) हरिशंकर सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। इस दौरान माशूक अली, गिरिराज सेवग, सुरेंद्र कोचर, अर्पिता गुप्ता और शब्बीर अहमद आदि ने विचार व्यक्त किए।