राजस्थान के भरतपुर के सभी पटवारी और तहसीलदार हड़ताल पर हैं। इससे तहसीलों में काम ठप हो गया है। पटवारियों व तहसीलदारों ने भी 24 अप्रैल से प्रशासन के साथ शहर व गांवों में चल रहे महंगाई राहत शिविरों व अभियान का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। पटवारियों व तहसीलदारों का आरोप है कि समझौते के बाद भी सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया है।

4 अक्टूबर 2021 को राजस्थान राजस्व सेवा और राज्य सरकार के बीच कुछ मांगों को लेकर समझौता हुआ था। लेकिन, समझौते की शर्तें आज तक लागू नहीं की गई हैं, जिसके कारण सभी पटवारी और तहसीलदार गुरुवार को भरतपुर में हड़ताल पर हैं। बताया जा रहा है कि ये हड़ताल कल यानी शुक्रवार को भी जारी रह सकती है।

दरसअसल, राजस्थान राजस्व सेवा और राजस्थान सरकार के बीच समझौता हुआ था कि-

-नायाब तहसीलदार का पद शत प्रतिशत पदोन्नति पद घोषित हो

-सीधे भर्ती के आरटीएस को सीधे तहसीलदार पद पर संस्थित करना

-तहसीलदार सेवा के पद 50 प्रतिशत पदोन्नति से और 50 प्रतिशत सीधे भर्ती से भरना

-पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक,नायाब तहसीलदार,तहसीलदार के कैडर का पुनर्गठन किया जाए

-RAS कैडर का रिव्यू करवाया जाए, तहसीलदार से RAS के जूनियर स्केल में खाली पदों को

-DPC तदर्थ पदोन्नति से भरा जाना चाहिए

-पटवारी और भू-अभिलेख निरीक्षकों के लिए स्थाई साफ ट्रांसफर नीति बनाई जाए

-पटवारी भू-अभिलेख निरीक्षक, नायाब तहसीलदार और तहसीलदार की सैलरी को दोबारा निर्धारित किया जाए

मांगों को लेकर मुख्य शासन सचिव की अध्यक्षता में 5 बार बैठक

इन मांगों को लेकर मुख्य शासन सचिव की अध्यक्षता में 5 बार बैठक हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी कोई मांग पूरी नहीं हुई है। मांगें नहीं माने जाने पर पटवारी व तहसीलदार दो दिन से हड़ताल पर हैं। इसके बाद भी अगर मांगें नहीं मानी गई तो शहर व गांवों सहित अभियान का बहिष्कार किया जाएगा।