सीनियर टीचर भर्ती पेपरलीक प्रकरण के मास्टरमाइंड भूपेन्द्र सारण के मकान की जेडीए कब्जे में (कुर्की) लेने की तैयारी कर रहा है। जेडीए ने इस संबंध में सारण और उसके भाई गोपाल सारण के नाम पर एक कानूनी नोटिस जारी किया है।

इस नोटिस में मकान मालिक को जेडीए में 19.11 लाख रुपए की राशि 7 दिन में जमा करवाने का अंतिम समय दिया है। अगर सात दिन में राशि जमा नहीं करवाते तो मकान को कुर्की करते हुए उसे नीलाम किया जाएगा।

जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के चीफ रघुवीर सैनी ने बताया- आरोपी के घर को कुर्क करके नीलाम करने के अधिकार हमें प्राप्त है। उन्होंने बताया- 13 जनवरी को सारण के जयपुर में अजमेर रोड रजनी विहार स्थित मकान का अवैध हिस्सा ढहाया था। इस हिस्से को तोड़ने पर जेडीए के कुल 19 लाख 11 हजार 355 रुपए का खर्चा हुआ था। इस खर्चे की वसूली के लिए जेडीए ने 23 जनवरी को डिमांड नोटिस जारी करते हुए सारण और उनके भाई को ये रकम जमा करवाने के लिए कहा था।

सैनी ने बताया कि डिमांड नोटिस के बाद भी पैसा जमा नहीं करवाने पर 30 जनवरी को फिर से भूपेन्द्र सारण और गोपाल सारण को नोटिस जारी किया। इस नोटिस अंतिम 7 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद भी अगर ये लोग पैसे जमा नहीं करवाते हैं। जेडीए कार्रवाई करते हुए उस जमीन को कुर्की करते हुए उसकी नीलामी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

जेडीए ने सारण के मकान के अवैध हिस्से को तोड़ने के लिए तीन दिन (13 से 15 जनवरी तक) कार्रवाई की थी। तीन मंजिला इस मकान में फ्रंट एरिया में 15 फीट का हिस्सा, जबकि पीछे 8.3 फीट का हिस्सा तोड़ा गया था। मकान पर कार्रवाई से पहले सारण परिवार की तरफ से जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट और हाईकोर्ट में इसे बचाने के लिए याचिका भी लगाई थी, लेकिन दोनों ही कोर्ट में इन याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

पेपरलीक प्रकरण के बाद इनके मास्टर माइंड भूपेन्द्र सारण और सुरेश ढाका के जयपुर में गुर्जर की थड़ी पर संचालित अधिगम कोचिंग पर जेडीए ने सबसे पहले कार्रवाई की थी। इस कोचिंग की बिल्डिंग को भी जेडीए ने अवैध निर्माण की श्रेणी में मानते हुए बुलडोजर से ढहा दिया था। तब उस बिल्डिंग को गिरान पर खर्च हुई रकम को वसूलने के लिए जेडीए ने बिल्डिंग मालिक को अनिल अग्रवाल को 9.24 लाख रुपए का डिमांड नोटिस थमाया था, जिसे अग्रवाल ने 24 जनवरी को जमा करवाया था।

इसके अलावा इसी बिल्डिंग के पास बनी एक नई अवैध बिल्डिंग जिसे जेडीए ने 20 और 21 जनवरी को तोड़ा था। उसके मालिक को भी जेडीए ने 10 लाख 24 हजार 512 रुपए का नोटिस जारी किया था। ये नोटिस बिल्डिंग के ऑनर श्रीमती राजकुमारी यादव पत्नी कपूर चंद यादव को भेजा था।

भूपेंद्र सारण साल 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट प्रकरण और वर्ष 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में भी शामिल था। जेल भी जा चुका हे। पुलिस जयपुर से भूपेंद्र सारण की गर्लफ्रेंड और पत्नी को गिरफ्तार कर चुकी है।