राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान राजस्थान विधानसभा में चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल सरकार का गुणगान कर रहे थे, तभी अचानक भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित अन्य विधायक वेल में चले गए। भाजपा विधायक अशोक लाहोटी और रामलाल शर्मा ने आरोप लगाया कि पेपर लीक की इतनी बड़ी घटना पर न तो सरकार ने आरपीएससी पर कोई कार्रवाई की और न ही पांच दिनों से धरने पर बैठे मौजूदा सांसद किरोड़ीलाल से बातचीत की जा रही है। इससे आक्रोशित अन्य विधायक भी वेल में आ गए।

जब जोरदार हंगामा हुआ तो सभापति राजेंद्र पारीक ने बीजेपी के 6 विधायकों के नाम पुकारे, लेकिन कोई नहीं बोला। इसी बीच निर्दलीय बलजीत यादव का नाम पुकारा गया। यादव भी बार-बार यही कहते रहे कि उन्हें कुछ सुनाई नहीं दे रहा है। क्या कहूँ। इस बीच बीजेपी विधायकों ने वेल में हंगामा किया। जब भारी हंगामा हुआ तो स्पीकर सीपी जोशी पहुंच गए। उन्होंने साफ चेतावनी दी कि आप सदन चलाना चाहते हैं या स्थगित करना चाहते हैं। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा- सदन चलना चाहिए।

पेपर लीक और भर्ती को लेकर हमारी पार्टी के सांसद धरने पर बैठे हैं। उनकी सुनवाई नहीं कर, सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है। स्पीकर ने कहा- विरोध, सड़क पर धरना देना आदि लोकतंत्र में अधिकार हैं। लेकिन सदन नियमों और प्रक्रियाओं से चलेगा। इस पर सहमति बनी। इस बीच उप सचेतक महेंद्र चौधरी ने सदन का समय 1 घंटा बढ़ाने की मांग की तो अध्यक्ष ने कहा- सदन का समय 2 घंटे बढ़ाया जाता है। यह सुनकर सभी हंस पड़े।