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out of habit Ashok Gehlot can not see the live telecast of Gaurav Yatra.

कांग्रेस की संकल्प रैली ख़त्म हो चुकी है। राजस्थान के पांच संभागों में तमाशा करने के बाद कांग्रेस शांत हो गयी। शायद थक गयी या फिर नए सर्कस की तैयारी कर रही है। वैसे सर्कस तो इन्होने संकल्प रैली में भी खूब किया। अपने राज में तो ये लोकतंत्र को भूल चुके थे। अब इन्हे लोकतंत्र याद आ रहा है। ये वही कांग्रेस है जो 10 साल केंद्र और 5 साल राज्य की सत्ता में रहने के बावजूद भी देश की भलाई नहीं कर पायी। अब बोलते हैं कि हम ये करेंगे हम वो करेंगे। लेकिन एक बात साफ़ है कि ये सिर्फ बड़े बड़े भाषण दे सकते हैं। कुछ कर नहीं सकते।

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Image: अशोक गहलोत.

साढ़े चार साल गायब रहे गहलोत अब चुनावी मौसम आते ही भ्रमण करने निकले

अशोक गहलोत कहते हैं कि सरकार बनने के बाद वसुंधरा जी साढ़े चार साल तक किसी से मिली नहीं। लेकिन ये नहीं कहा कि खुद अपने कार्यकाल में जनता से नहीं मिले। पिछले साढ़े चार साल से भी पता नहीं कहाँ गायब थे। अब चुनावी मौसम आते ही भ्रमण करने निकले हैं। चार साल से विधानसभा में तो इन्होने कुछ नहीं कहा फिर अब क्यों इतनी हाय तौबा कर रहे हैं। इन्हें लगता है कि राजस्थान में चली आ रही पुरानी रूढ़िवादी सोच अब भी चलती रहेगी और जनता हर बार कि भांति सरकार बदलने की परंपरा को निभाएगी और इनकी सरकार बन जाएगी। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नही होने वाला। क्योंकि राजस्थान की जनता अब समझ चुकी है कि ऐसे बार-बार सरकार बदलने से प्रदेश का विकास नहीं होने वाला। और कांग्रेस के तो बिल्कुल बस की बात भी नहीं है।

जो पार्टी पिछले 70 सालों में देश का भला नहीं कर पायी वो अब क्या कर पायेगी। अशोक गहलोत कहते हैं की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अब जनता के बीच जाकर झूठे वादे कर रही हैं। मैं इनको पूछना चाहूँगा आप अपनी उपलब्धि बताओ कि आपने किया क्या है। लेकिन शायद गहलोत जी इस बार भी गलती कर गए। या तो वो गौरव यात्रा का सीधा प्रसारण नहीं देखते या फिर अपनी झूठ बोलने की आदत से लाचार है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान की पहली ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो कर्यकाल के दौरान जनता के सामने अपने कार्यों का लेखा जोखा दे रही हैं। जो काम पूरे हुए उनको जनता के सामने रख रही हैं जो पूरे नहीं हुए उनको पूरे करने के आदेश दे रही हैं। ऐसे में अशोक गहलोत पूछ रहे हैं की आपने क्या किया है?

अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान की सारी स्कीमें हम लेकर आये। लेकिन उन साहब सिर्फ़ स्कीम लेकर आने से ही लोगों का भला नहीं हो जाता। लोगों का भला करने और विकास करने के लिए उन स्कीमों को चलना भी पड़ता है, और पूरा भी करना पड़ता हैं। सिर्फ वादे करने और घोषणा करने से कुछ नहीं होता। कांग्रेस हमेशा से यही करती आयी है। जबकि भाजपा ने ना केवल लोगों से वादे किये बल्कि उनको पूरा भी किया है। कांग्रेस को अगर ये विकास देखना है तो फिर उन्हें पूरे प्रदेश का चक्कर लगाना होगा। ऐसे एक दिन का हंगामा करने और फिर हंगामा कर के बार-बार दिल्ली भागने से तो विकास नहीं दिखने वाला। इसलिए कांग्रेस को चाहिए कि वो प्रदेश का अच्छी तरह से भ्रमण करे और अगर नहीं कर सकते तो फिर ये लोकतंत्र का नाम लेकर बोगस राजनीति न करे।

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लोकतंत्र है तभी तो प्रदेश में कांग्रेस की हार हुई और भाजपा की जीत। वरना राजतंत्र तो कांग्रेस 70 सालों से करती ही आ रही है। लेकिन अब वो वक़्त निकल चुका जब कांग्रेस का राजतंत्र चलता था। पिछले चुनावों में तो 21 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिल गयी थी लेकिन इस बार तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ होने वाला है। पहले राज्य से फिर पुरे देश से। तब बनेगा “विकसित भारत कांग्रेस मुक्त भारत”।