जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को अलग ही नजारा देखने को मिला। सदन में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौतों के मामले पर जोरदार हंगामा देखने को मिला। इस मामले में विधायक मदन दिलावर ने सरकार से सवाल पूछा था इस पर चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा के जांच रिपोर्ट्स के निष्कर्ष के जवाब पर विपक्ष ने असंतुष्टि जताई। मंत्री ने जब 5 साल के आंकड़े गिनाने शुरू किए तो बीजेपी विधायकों ने इस पर विरोध जताते हुए वेल में पहुंच कर हंगामा शुरू कर दिया। विधायक वेल में चिकित्सा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी मंत्री शर्मा के जवाब पर नाराजगी जताई।
खुद प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं : स्पीकर
स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने कहा, ‘मैं खुद प्रताड़ित महसूस कर रहा हूँ’। आसन से डॉ. जोशी ने कहा कि प्रश्न की एक लिमिटेशन है। प्रश्न उठाने के कुछ तरीके हैं। चैम्बर में आकर इस पर बात करें। नियमों के अन्तर्गत ही प्रश्नकाल होगा। जनरल डिबेट की तरह इस पर चर्चा नहीं हो सकती। जिन मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, उन पर बैठकर चर्चा कर सकते हैं। पक्ष-विपक्ष पर समान रूप से नियम लागू होते हैं।
सीएम अशोक गहलोत ने किया हस्तक्षेप
इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में अध्यक्ष प्रताड़ित महसूस करें। हमें सदन की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए। विपक्ष की असहमति का हम सम्मान करते हैं लेकिन केवल राजनीति के लिए कोई मुद्दा नहीं आए। दोनों पक्ष सदन की गरिमा का ध्यान रखें।
फिल्म ‘छपाक’ मामले में हंगामा
सदन में मंगलवार को भाजपा विधायकों के बहिष्कार के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी ने प्रश्नकाल पूरा कराया। प्रश्नकाल में अधिकांश सवाल भाजपा विधायकों के लगे हुए थे। लेकिन “छपाक” फिल्म को लेकर पूरक प्रश्न नहीं पूछने देने को लेकर अध्यक्ष की व्यवस्था से नाराज भाजपा विधायकों ने प्रश्नकाल का बहिष्कार किया। इस दौरान प्रश्नकाल के सभी सवालों पर मंत्रियों से जबाव भी दिलाए। जोशी ने सवाल का जवाब देने के लिए मंत्रियों के नाम पुकारे। भाजपा विधायकों की ओर से लगाए गए सवाल पर खुद जोशी ने पूरक प्रश्न भी पूछे और कई मौकों पर मंत्रियों को सुझाव भी दिए। वरिष्ठ विधायकों का दावा है कि इस तरह का माहौल सदन में पहली बार देखने को मिला।