किसान परिवारों को एक और बड़ी सौगात देते हुए राजस्थान कृषि विभाग ने एक बड़ी राहत दी है। अब अगर कृषि करते समय किसी भी विषाक्त से यानि सांप के काटने या दवा छिड़कते वक्त दवा के प्रभाव में आने से किसान की मौत होती है तो आश्रित परिवार को सहायता राशि के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हादसे के केवल 3 महीने के अंदर पीड़ित परिवार को मुआवजा दे दिया जाएगा। ऐसा प्रावधान कृषि विभाग द्वारा किया गया है। खास बात यह है कि सहायता राशि पाने के लिए अब विसरा रिपोर्ट की भी अनिवार्यता नहीं होगी। इससे पहले विसरा रिपोर्ट के बिना सहायता राशि देय नहीं थी। इस योजना का लाभ किसानों के साथ कृषि मजदूर, पल्लेदार और तोलेदारों को भी मिलेगा। आपको बता दें कि इस योजना के तहत पिछले 3 सालों में प्रदेश में 11 हजार परिवारों को 129 करोड़ की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है।
योजना की पुष्टि करते हुए कृषि मंत्री डॉ. प्रभुलाल सैनी ने बताया है कि तीन महीने में विसरा रिपोर्ट नहीं आती है तो किसान परिवार को निर्धारित दो लाख रूपए की सहायता राशि उपलब्ध करा दी जायेगी।
बताया जाता है कि इससे पहले विसरा रिपोर्ट नहीं आ जाने तक कृषक साथी योजना के तहत किसान या उसके परिवार को सहायता राशि नहीं मिल पाती थी। कई बार विसरा रिपोर्ट को आने में एक से दो साल या इससे भी ज्यादा समय लग जाता था जिससे पीड़ित परिवार को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता था। अब विभाग द्वारा किसानों का दर्द समझते हुए नियमों का सरलीकरण किया गया है।
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