राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार के प्रयासों से आखिरकार यमुना का पानी राजस्थान को मिल गया है। दरअसल, ताजेवाला हैड से यमुना का पानी राजस्थान को मिलने पर सहमति बन गई है। पाइप लाइन के माध्यम से यह पानी राजस्थान लाया जाएगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को जल संसाधन विभाग को इस योजना की डीपीआर जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए हैं। बता दें, केन्द्र सरकार इस योजना में पाइप लाइन बिछाने के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान करेगी। इस योजना से चूरू, सीकर एवं झुंझुनूं जिले के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग और पेयजल समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा।
1994 के समझौते के अनुसार ताजेवाला हैड से 1917 क्यूसेक पानी मिलना है राजस्थान को
राजस्थान के जल संसाधन मंत्री डॉ. राम प्रताप ने बताया कि राजस्थान को यमुना के पानी के वितरण को लेकर 1994 में राजस्थान और हरियाणा के बीच हुए समझौते के अनुसार ताजेवाला हैड से 1917 क्यूसेक पानी प्रदेश को आवंटित किया गया था। लेकिन 24 साल बीत जाने के बाद भी यह पानी किस प्रकार प्रदेश में लाया जाए इस पर सहमति नहीं बन पा रही थी। गत 15 फरवरी को हुई अपर यमुना रिव्यू कमेटी की बैठक में सीएम वसुंधरा राजे ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गड़करी के समक्ष इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाते हुए राज्य सरकार ने पाइप लाइन के माध्यम से पानी राजस्थान लाए जाने का प्रस्ताव रखा था। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार से वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने की मांग रखी थी।
Read More: श्रीगंगानगर को फूड प्रोसेसिंग का हब बनाया जाएगा: मुख्यमंत्री राजे
इन दोनों मांगों पर सहमति प्रदान कर दी गई है, जिसका कार्यवाही विवरण बुधवार को राज्य सरकार को प्राप्त हुआ है। जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि जल संसाधन विभाग को इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट केन्द्र सरकार से पूर्व में ही प्राप्त हो गई है। अब जल्द ही पाइन लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। पाइन लाइन बिछने का काम पूरा होते ही यमुना के पानी की सप्लाई प्रदेश में शुरू हो जाएगी। बता दें, इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ चूरू, सीकर एवं झुंझुनूं जिलों को होगा।