राजस्थान में सरकारी सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल का आज 8वां दिन है। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद कुछ भी सुधरते नजर नहीं आ रहा है। इसी बीच चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि राज्य सरकार ने चिकित्सकों के साथ हुए समझौते का पूरा पालन किया है। सरकार चिकित्सकाें के विरुद्ध किसी प्रकार की भी दमनात्मक कार्यवाही नहीं कर रही है। राज्य सरकार उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार काम पर लौटने वाले किसी भी चिकित्सक को गिरफ्तार नहीं कर रही है। चिकित्सा मंत्री ने सेवारत चिकित्सकों से उच्च न्यायालय के आदेश मानकर और गुमराह हुए बिना तत्काल ड्यूटी पर लौटने की अपील की है।
सराफ ने बताया कि सेवारत चिकित्सक संघ के कुछ प्रतिनिधि भय के वातावरण का बहाना बनाकर ड्यूटी पर नहीं लौटने के बारे में चिकित्सकों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चिकित्सा विभाग में कोई भय का वातावरण नहीं है। प्रदेशभर में सेवारत साढ़े 7 हजार चिकित्सकों में से 2 हजार से अधिक चिकित्सक पूर्ण सौहार्दपूर्ण तरीके से अपनी ड्यूटी देकर जनता की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि चिकित्सकों की स्वीकार की गई मांगों के बारे में स्पष्ट आदेश भी निकाले जा चुके हैं।
आपको बता दें कि पिछले महीने भी सेवारत चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी। राजस्थान सरकार के साथ हुए समझौते के बाद चिकित्सक अस्पतालों में फिर से लौट आए थे। हाल ही में हुए चिकित्सकों के तबादलों को लेकर फिर से चिकित्सकों में रोष है। सरकारी चिकित्सक 15 दिसम्बर से और रेजीडेंट डॉक्टर्स 18 दिसम्बर से लगातार कार्य बहिष्कार पर हैं।
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