अजमेर के पर्वतारोही अनुराग मालू को नेपाल में रेस्क्यू करने वाली कंपनी ने उनके परिवार को करीब 70 लाख रुपये का बिल भरने को कहा है, जिसके बाद अनुराग का परिवार सदमे में नजर आ रहा है, एक और अपने बेटे के स्वास्थ्य को लेकर चिंता तो वहीं दूसरी ओर 70 लाख रुपये बिल अब उनके परिवार को टेंसन दे रहा है। अनुराग के पिता ओमप्रकाश मालू ने पीएम, सीएम और जिला कलेक्टर सभी से आर्थिक मदद दिलवाने के लिए गुहार लगाई है। क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि इतनी भारी भरकम राशि का बिल जमा करवा कर अनुराग को अजमेर वापस ला सके।
अनुराग के पिता ने अजमेर से बीजेपी के लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी को पत्र लिखकर कहा है कि मेरी आर्थिक स्थिति इतनी सक्षम नहीं है कि यह बिल भर सकूं। इसलिए भारत में नेपाल के दूतावास को पत्र लिखकर भारत सरकार की ओर से खोज कार्य की राशि वहन करवाने का पत्र जल्द से जल्द लिखें। ताकि अनुराग को नेपाल से भारत लाया जा सके। उन्हें 22-23 अप्रैल तक नेपाल से भारत लाने से पहले इस राशि का भुगतान किया जाना आवश्यक है। अनुराग के पिता ओमप्रकाश मालू की इस गुहार के बाद सांसद भागीरथ चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर खोज कार्य की राशि भारत सरकार की ओर से वहन करने का आग्रह किया है। साथ ही जल्द अवगत कराने का भी निवेदन किया गया है।
जिला कलेक्टर ने भी सीएम को लिखा पत्र
अनुराग मालू के पिता ओमप्रकाश मालू ने एक लेटर अजमेर के जिला कलेक्टर को भी लिखकर इस संबंध में आर्थिक मदद मांगी है, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने सीएम अशोक गहलोत को लेटर लिखकर भारत सरकार से यह राशि वहन करवाने की मांग रख दी है। अनुराग के पिता ओमप्रकाश मालू ने बताया कि 17 अप्रैल को नेपाल में अनुराग के लापता होने के बाद रेस्क्यू टीम ने तलाश शुरू कर दी थी। दिन-रात तलाशने के बाद जब पता नहीं लगा, तो टीम ने हाथ खड़े कर दिए। बीमा कंपनी ने अनुबंध के अनुसार, एक दिन का ही रेस्क्यू का खर्चा वहन किया गया। इसके बाद अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी से संपर्क किया गया।
सांसद ने प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्री कार्यालय से संपर्क किया, तब से रेस्क्यू शुरू हो सका। वह 300 मीटर बर्फीले पहाड़ की दरार में गिर गए थे। बचाते वक्त रेस्क्यू टीम ने इसका वीडियो भी बनाकर जारी किया है। वीडियो में अनुराग मालू सुरंगनुमा संकरी दरार में फंसे हुए दिख रहे थे। वह बेहोशी की हालात में मिले और ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहे थे। रेडियो सिग्नल से उनकी लोकेशन ट्रैस हुई। तब बचाव दल के लोग रस्सियों के जरिए बिना ऑक्सीजन मास्क लगाए ही नीचे उतरे और अनुराग को बर्फीली दरार से जिंदा बाहर निकाल लाए।