बीकानेर। शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन प्रेरणा का पुंज है। गांधीजी के रचानात्मक कार्यों में से एक खादी वस्त्र नहीं विचार है, जिसमें लाखों लोगों को रोजगार देने की ताकत है। दो दिवसीय राष्ट्र स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यक्रम के सोमवार को समापन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ कल्ला ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर्यावरण और स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए खादी की प्रासंगिकता और बढ़ गई है। खादी एवं ग्रामोद्योग के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार सहयोग कर रही है। इसकी मजबूती के लिए विज्ञापन और प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने खादी अपनाने और लाखों लोगों को स्वावलम्बी बनाने में योगदान देने की अपील की।
डॉ कल्ला ने कहा कि विविधता हमारी धरोहर है। धर्म, भाषा और जाति से उपर उठकर सत्य और अहिंसा अपनाते हुए राष्ट्रीय मूल्यों के संरक्षण में भागीदार बनें। कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि महात्मा गांधी ने अहिंसात्मक आंदोलन के जरिए देश को आजादी दिलवाई। इस आंदोलन में उन्होंने हर घर चरखे का मंत्र देकर स्वदेशी अपनाने का नारा दिया। खादी और ग्रामोद्योग हर हाथ को काम देने में सक्षम है। फैशन में नए प्रयोग कर खादी का नया दौर शुरू हुआ है। युवा खादी से जुड़ें । ऊर्जा मंत्री ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग में आ रही समस्याओं पर मंथन के लिए आयोजित इस कार्यक्रम के सार्थक और दूरगामी परिणाम आएंगे।
खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष बृज किशोर शर्मा ने कहा कि युवाओं और महिलाओं का खादी के प्रति रूझान बढ़ा है। खादी प्लाजा, हाईवे पर खादी हाट, ट्रेनिंग सेंटर खोलने से नया बाजार विकसित होगा। नक़ली खादी उत्पादों पर कारवाई होनी चाहिए।
शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए खादी का रंग रूप बदलने की आवश्यकता है। साथ ही खादी संस्थानों की समस्याओं व समाधान के सुझाव राज्य सरकार को भिजवाए जाएंगे। उन्होंने विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग को विस्तार देने की दिशा में छोटे छोटे प्रयास अहम साबित होंगे। आज खादी फ़ैशन की दुनिया में भी अपनी जगह बना रहा है।
सीईओ जिला परिषद नित्या के ने कहा कि खादी का रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग बढ़ाएं, तभी खादी के बाजार का विस्तार हो सकेगा, नये बुनकर जुड़ेंगे और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक संजय आचार्य ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने दो दिन के दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों के बारे में जानकारी दी और शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ द्वारा अब तक आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी।
ज्योति प्रकाश रंगा ने खादी और ग्रामोद्योग के राष्ट्रीय कार्यशाला की रूपरेखा और सत्रों के दौरान हुए विचार विमर्श की जानकारी दी। कार्यक्रम में गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, सहित विभिन्न राज्यों और राजस्थान के सभी जिलों से खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। समारोह से पहले आयोजित सत्र में खादी संस्थाओं के उन्नयन में आधुनिक तकनीक की भूमिका, उत्पादों के विक्रय में फैशन डिजाइनिंग का उपयोग पर किशन व्यास, हजारीमल, मदन भूतड़ा, जवाहर सेठिया, संगीता सक्सेना, इन्द्र भूषण गोयल आदि ने विचार रखे।