राजस्थान की पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वन्यजीव संरक्षण के लिए उठाए कदम और पर्यटकों के लिए दुर्लभ वन्यजीवों के दर्शन की दिशा में किए अथक प्रयासों का फल अब सामने आने लगा है। प्रदेश में नेचर टूरिज्म को बढ़ावा देने का पूर्व सीएम राजे का फैसला हिट होता दिख रहा है। राज्य में नेचर टूरिज्म से वन विभाग को अच्छा राजस्व अर्जित होने लगा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में ढ़ाई साल पहले शुरू किए गए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से विभाग को करोड़ों की कमाई हुई है। इसके साथ ही प्राकृतिक माहौल में लोगों को वन्यजीव दिखाकर वन और वन्यजीवों के प्रति जागरूकता का संदेश दिया है। लोग अब जू में कैद वन्यजीवों को देखने की बजाय बायोलॉजिकल पार्क में खुले वातावरण में वन्यजीवों को देखना पसंद कर रहे हैं। वर्तमान में नेचर टूरिज्म कॉन्सेप्ट कारगर साबित होता भी दिख रहा है।
पिछले एक साल में 7 लाख से अधिक लोगों ने विजिट किया
करीब ढ़ाई साल पहले शुरू हुआ नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क अब लोगों के दिलों में अपनी खास पहचान बना चुका है। इतने कम समय में यह वन विभाग का नेचर टूरिज्म में सबसे कमाऊ जगह भी बन गया है। वन विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में सात लाख से अधिक लोगों ने विजिट किया है। शुरुआती छह महीनों में साढ़े तीन लाख लोग पार्क देखने पहुंचे थे। इस साल पर्यटकों में खासा ग्राफ देखा गया है। करीब सात लाख लोग नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क देखने पहुंचे हैं। पिछले ढ़ाई साल में वन विभाग इस पार्क से छह करोड़ रुपए की कमाई भी कर चुका है।
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अब यहां टाइगर सफारी और एग्जोटिक पार्क खोलने की योजना
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहा है। इस वजह से वन विभाग का अब यहां जल्द ही टाइगर सफारी और एग्जोटिक पार्क खोलने की योजना तैयार कर चुका है, जिससे यहां ज्यादा से ज्यादा पर्यटक दौड़े आएं। बता दें, पिछले ढ़ाई साल के दौरान 15 लाख लोगों ने दुर्लभ वन्यजीवों के दर्शन किए हैं। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीवों में तनाव कम है इससे यहां प्रजनन अच्छा है। इस कारण कम समय में ही अलग-अलग वन्यजीवों के बच्चे नज़र आने लगे हैं।