राजस्थान को देश का सबसे बड़ा मदर मिल्क बैंक प्रदेश बनने का सौभाग्य मिला है। मदर मिल्क के विकास को देखते हुए पहली बार केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 5 अन्य जिलों में भी इस सुविधा के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। साथ ही प्रदेश सरकार भी अन्य 4 जिलों में मदर मिल्क बैंक खोलने की तैयारी कर रही है, ताकि नवजात को मां का दूध मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके। फिलहाल राजस्थान के 18 जिलों में 18 मदर मिल्क बैंक मौजूद हैं जो देश के किसी भी राज्य में ज्यादा है। वर्ष के अंत तक प्रदेश के कुल 28 जिलों में यह सुविधा खोले जाने की तैयारी जोरो-शोरों से चल रही है।
क्या है मदर मिल्क बैंक
ऐसे नवजात बच्चे जो अपनी मां के दूध से वंचित रह जाते हैं, ऐसे बच्चों को अमृत समान मां का दूध मोहैया कराया जाता है। मां का दूध बच्चे के लिए एक संजीवनी का काम करता है।
अभी यहां हैं मदर मिल्क बैंक
प्रदेश में फिलहाल निम्न शहरों में मदर मिल्क बैंक हैं।
- जयपुर
- उदयपुर
- भीलवाड़ा
- टोंक
- भरतपुर
- चूरू
- अलवर
- बूंदी
- चित्तौड़गढ़
- बांसवाड़ा
- बारां
- राजसमंद
- करौली
- जालौर
- सवाईमाधोपुर
- बाड़मेर
- धौलपुर और
- ब्यावर
शिशु मृत्यु दर कम करने में बड़ी भूमिका
यह दूध बैंक प्रदेश में शिशु मृत्यु दर कम करने में एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए केन्द्र सरकार ने प्रदेश के जैसलमेर, झूंझुनू, प्रतापगढ़, नागौर व श्रीगंगानगर सहित 5 जिलों में 5 मदर मिल्क बैंक के लिए चार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। वसुन्धरा सरकार भी जोधपुर, कोटा, बीकानेर और झालावाड़ में इस वर्ष के अंत तक यह सुविधा खोलने की तैयारी में है। राजधानी जयपुर के महिला चिकित्सालय के बाद अब जेके लॉन अस्पताल में भी यह सुविधा खोलने की तैयारी चल रही है। अगले तीन-चार महीने में यह शुरू हो जाएगा।