गुजरात चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मुंह की खानी पड़ी थी। लेकिन एक बार फिर दोनों आमने-सामने घमासान करते नजर आएंगे। इस घमासान लड़ाई का गवाह बनेगी गुलाबी नगरी यानि जयपुर। लेकिन यह लड़ाई जमीन पर नहीं बल्कि आसमान में होगी। हम बात कर रहे हैं मकर संक्रांति पर होने वाली पतंगबाजी की। इस बार पतंगबाजी में राहुल गांधी और प्रधानमंत्री के चित्र वाली पतंगे हॉट डिमांड में हैं। इस बारे में महारथ हासिल है शहर के हांडीपुरा इलाके के अब्दुल गफ्फूर अंसाल को जिन्हें राजनेताओं की पतंगे बनाने का शौक ही नहीं जूनून है। यहां तक की कई लोग आॅर्डर के मुताबिक राजनेताओं की पतंगें यहां तैयार कराते हैं। पतंग बनाना इसका खानदानी पेशा है। इन पतंगों की लंबाई 5 से 6 फुट तक होती हैं।
अब्दुल भाई पिछले 36 सालों से राजनेताओं की पतंगें बनाने का धंधा कर रहे हैं। जयपुर नगरी के खास पतंगबाज यहां खास तौर पर आते हैं और अपने मन-मुताबिक और पसंद के राजनेताओं और अभिनेताओं की पतंग बनाने का आॅर्डर देते हैं। अब्दुल भाई को इस तरह की पतंगे बनाने में 3 से 4 दिन का समय लगता है। बीते 36 साल से इस तरह की करामती पतंगों को बनाने के तौर पर उनकी शहर में खास पहचान है। अब तक अब्दुल भाई प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के अलावा लालू यादव, अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव सहित अरूण जेटली जैसे नेताओं की पतंगे भी बना चुके हैं।
नेताओं को आपस में झगड़ते देख आया यह आइडिया
राजनेताओं की पतंगें बनाने का आइडिया कहां से आया’ यह सवाल पूछने पर उन्होंने बताया कि जिस तरह नेता आपस में बयानबाजी करते हैं, लड़ते-झगड़ते हैं, यही देखकर उनके मन में यह आइडिया आया और उन्होंने इसी पर काम शुरू कर दिया। आज जयपुर से ही नहीं, अन्य राज्यों से भी इस तरह की पतंगे बनाने का आॅर्डर उनके पास आता है। मकर संक्रांति ही नहीं बल्कि चुनावों के समय भी उनके पास इस तरह के आॅर्डर आते हैं।
पतंगों से देते हैं संदेश
अब्दुल भाई केवल राजनेताओं और अभिनेताओं की पतंग ही नहीं बनाते। वह जागरूकता का संदेश देने वाली पतंगे भी डिजाइन करते हैं। अपनी पतंगों के माध्यम से वह पल्स पोलियो अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और बाल विवाह रोकने जैसे संदेश शहरवासियों तक पहुंचाते हैं। उनका मानना है कि जब पतंग कटकर किसी के हाथ में पहुंचती है तो वह एक बार इसे जरूर देखेगा। शायद इसी से उस पर विचार कर सकेगा।
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