जयपुर। जब लोकतंत्र पर भीड़तंत्र हावी होने का प्रयास करता है, तब ना तो समाज में कानून का भय दिखता है और ना इंसानियत दिखती है। पिछले कुछ​ दिनों में जिस तरह राजस्थान के अंदर भीड़तंत्र का राज बढ़ता गया है, वह काफी डराता है। प्रदेश के नागौर में दलित युवकों पर बर्बरता बताती है कि लोगों में ना तो कानून का भय बचा है और ना पुलिस प्रशासन पर भरोसा रहा। लोकतंत्र के लिए इससे बड़ी शर्मनाक बात कुछ और नहीं हो सकती। हमारी सरकार को समझना चाहिए कि हर भीड़ के पीछे एक शक्ल छिपी होती है, जो अपने मंसूबों को अंजाम तक पहुंचाने का काम सैकड़ों लोगों को बहकाकर करती है। इसीलिए वक्त आ गया है कि इन शक्लों की पहचान की जाए और इनसे सख्ती से निपटा जाए। लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए इस भीड़तंत्र को खत्म करना जरूरी है।

बूंदी में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म
राजस्थान में सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदेश में अपराधिक मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है। बूंदी जिले में नाबालिक लड़की से दुष्कर्म की घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने पहला—फुसलाकर लड़​की से दुष्कर्म किया। आरोपी के चंगुल से छूटकर घर पहुंची लड़की ने आपबीती परिजनों को बताई। इस पर परिजने लड़की को लेकर हिंडोली थाने पहुंचे और आरोपी के खिलाफ पुलिस को तहरीर दीं पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल के लिए अस्पताल भेजकर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। इसके बाद आरोपी युवक गांव छोड़कर भाग गया है। इस पर घरवाले आक्रोशित हो गए और आरोपी को ढूंढने लगे, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है। साथ ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए सर्च अभियान शुरू कर दिया है।

नागौर में दलित युवकों के साथ मारपीट और अप्राकृतिक कृत्य
पिछले दिनों राजस्थान के नागौर में दो दलित युवकों को चोरी के आरोप में बेरहमी से पीटा गया। दरिंदों ने इस पिटाई का वीडियो भी बनाया। वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग हैरान रह गए और देश में एक बार फिर दलित उत्पीड़न को लेकर बहस शुरू हो गई। वीडियो में दिखा कि दरिंदो ने दलित युवकों के प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाला और स्क्रूड्राइवर का भी इस्तेमाल किया। मामले को लेकर पीड़ित युवक ने बाड़मेर SP के सामने गुहार लगाई है। जिसमें की बिसाला निवासी मोती सिंह, औऱ भादरेश निवासी भरत सिंह के खिलाफ बर्बरता पूर्व कृत्य करने का आरोप लगाया गया है। मामला 29 जनवरी दोपहर बाद का हैं, जिसके बाद युवक 20 फरवरी को बाड़मेर पुलिस अधीक्षक के समक्ष गया।

बाड़मेर में भी युवकों पर बर्बरता
नागौर में युवकों के साथ मारपीट और अप्राकृतिक कृत्य करने का मामला अभी थमा ही नहीं था की कि सरहदी जिले बाड़मेर में एक अन्य युवक के साथ इसी तरीके का अप्राकृतिक कृत्य करने का मामला सामने आया है। बाड़मेर के ग्रामीण थाना क्षेत्र के भादरेश गांव के निकट युवको द्वारा मोबाइल चोरी के आरोप में पड़ौसी गांव तिरसिंगड़ी गांव के एक युवक के साथ मारपीट की गई। इसके बाद उसके साथ अमानवीय कृत्य कर उसके गुप्तांग में सरिया डाल कर प्रताड़ित किया। पीड़ित युवक अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखता है। पीड़ित अल्पसंख्यक जाति के युवक को एक निजी ढाबे पर बुलाकर जबरन शराब पिलाकर घटना को अंजाम देना बताया गया है।

जैसलमेर में दलित युवकों को लाठी-डंडे से पीटा
प्रदेश के नागौर के बाद अब जैसलमेर में दलित युवकों के साथ बर्बरता का वीडियो सामने आया है। एक हफ्ते के भीतर राजस्थान में तीसरी ऐसी घटना सामने आई है जिसको लेकर मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। जैसलमेर में तीन दलित युवकों को गधे चुराने के आरोप में भीड़ ने बुरी तरह पिटाई कर दी। दलित युवकों की पिटाई का ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। तीनों युवकों की गधे चोरी करने के शक में भीड़ ने लाठी-डंडों से बुरी तरह पिटाई कर दी। ये वीडियो जैसलमेर जिले के सांगड़ थाना क्षेत्र के रामा गांव का बताया जा रहा है। इस वीडियो में कुछ लोग तीन युवकों को लाठियों से पीटते दिखाई दे रहे हैं। कुछ लोग हॉकी स्टिक से भी तीनों युवकों को बुरी तरह पिटाई कर रहे हैं। इस बर्बरता का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस भी एक्शन में आई है और इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

देशभर में गहलोत सरकार की कड़ी निंदा
एक हफ्ते के भीतर राजस्थान में तीसरी ऐसी घटना सामने आई है जिसको लेकर मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। इन घटनों को लेकर विपक्षी बीजेपी सहित देशभर में इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कड़ी निंदा की जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बीएसपी प्रमुख मायावती सहित कई राजनीतिक दल सीएम गहलोत से मांग कर रहे है प्रदेश में एक बार फिर कानून का राज स्थापित करें। भाजपा सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राजस्थान प्रदेश में कांग्रेस की अराजक सरकार के राज में क़ानून व्यवस्था पूर्ण रूप से लाचार हो गयी है। दलित उत्पीड़न ने सारी हदें लांग दी है। नागौर घटना के बाद अगर कांग्रेस पार्टी में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।