खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए उन्हें झूठ का जनरेटर और यहां तक कि नकलची तक कह दिया। खाचरियावास ने कहा- देश में झूठ के तीन-चार जेनरेटर हैं, केजरीवाल उनमें से एक हैं सबसे पहले उन्होंने लोकपाल के नाम पर लोगों को गुमराह किया। केजरीवाल लोकपाल के नाम पर हाथ उठाकर नारे लगाते थे। लोकपाल आज कहां गए, उन्हें याद भी नहीं है। केजरीवाल ने देश को गुमराह किया।
खाचरियावास ने कहा- केजरीवाल अन्ना हजारे जैसे समाज सेवक को घुमा दिया। इतने बड़े समाजसेवी को ले आए, अब कहां गए वो मुद्दे, कहां गए लोकपाल। शुरुआती दिनों में लोग केजरीवाल पर भरोसा कर रहे थे कि ये आदमी देश में क्रांति ला देगा। क्रांति लायी लेकिन चोरी की। क्रांति की बात करने वाले केजरीवाल ने 50 करोड़ का बंगला बनवा दिया। जनता इस पर जवाब मांगेगी। केजरीवाल यहां जवाब नहीं दे रहे हैं। बड़ी-बड़ी बातें करने वाले और दूसरों पर आरोप लगाने वाले जब खुद आरोपी होते हैं तो जवाब क्यों नहीं देते।
खाचरियावास ने कहा- 50 साल से जो नेता राजनीति में है, तीसरी बार मुख्यमंत्री हैं, केजरीवाल उनके लिए जिस तरह की भाषा बोलते हैं, वह उन्हें शोभा नहीं देता। केजरीवाल इस देश के और राजनीति के सगे नहीं हो सकते। किस मॉडल की बात कर रहे हैं। केजरीवाल ने अपनी सारी योजनाएं कांग्रेस सरकार की योजनाओं की नकल करके बनाई हैं। जिस व्यक्ति के खिलाफ वे बोल रहे हैं उसका कद बहुत बड़ा है। गहलोत उस समय में सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं लेकर आए थे, जब केजरीवाल राजनीति में नहीं आए थे।
खाचरियावास ने कहा- योजनाओं के मामले में राजस्थान मॉडल राज्य है। स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। गहलोत सरकार की योजनाओं की चर्चा पूरे देश में हो रही है। हमारी सरकार योजनाओं को धरातल पर लागू करती है। अपनी योजनाओं में खामियां निकाल लें तो समझ में आता है, लेकिन अरविंद केजरीवाल की भाषा में अहंकार झलकता है।
जनता किसी की अहंकार बर्दाश्त नहीं करती, मौका आने पर जवाब देती है। राजस्थान की जनता बहुत समझदार है, केजरीवाल कितनी भी कोशिश कर लें, आपको यहां एक भी सीट नहीं मिलेगी। राजस्थान के लोग बहुत समझदार हैं और इस तरह के झांसे में नहीं आएंगे। केजरीवाल को शायद राजस्थान की जनता की तासीर का पता नहीं, घमंड किसी का नहीं चलता है। यहां आम आदमी पार्टी का खाता नहीं खुलेगा।