जयपुर। बेमौसम बारिश ने राजस्थान में किसानों को बर्बादी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है, दो दिन की बारिश और किसानों के अरमान पानी-पानी खेतों में कटी पड़ी धान, सोयाबीन, उड़द, मक्का, ज्वार की फसले भीग कर चौपट हो गईं। जितनी अच्छी फसले इस बार हुईं थी, उसके बाद बड़े अरमान और उम्मीदें किसानों ने लगाई थी, लेकिन सब मनसूबे धरे रह गए। सामने खड़ी दिवाली किसानों की काली मनती नजर आ रही है। झालावाड़ जिले के सुनेल में फसल खराब होने के कारण तनाव में आए एक किसान ने घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को झालावाड़ जिले का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर शीघ्र किसानों की मदद करने के लिए कहा।

फसल खराब होने पर किसान ने की आत्महत्या
प्रदेश में पिछले दिनों हुई बेमौसम की बारिश के चलते खेतों में खड़ी फसल खराब हो गई। प्रदेश में झालावाड़ जिले के सुनेल में फसल खराब होने के कारण तनाव में आए एक किसान ने घर में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि मृतक किसान बारिश के चलते फसल खराब होने के कारण मानसिक रूप से परेशान था। उसने कर्ज लेकर फसल की बुवाई की थी। ऐसे में किसान राधेश्याम ने सोमवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह स्वजन जब नींद से जगे तो किसान फंदे पर लटका हुआ मिला। शव को नीचे उतारकर अस्पताल ले जाया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

कर्ज चुकाने और पूरे साल घर खर्च की थी चिंता
मृतक के बेटे रतन ने बताया कि सोयाबीन की फसल खराब होने के कारण राधेश्याम पिछले चार दिन से मानसिक रूप से काफी परेशान था। उसे कर्ज चुकाने और पूरे साल घर खर्च की चिंता थी। ऐसे में उसने परेशान होकर आत्महत्या कर ली।

वसुंधरा राजे ने सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह के साथ किया दौरा
बारिश के कारण झालावाड़ जिले में सोयाबीन, उड़द, मूंग और मक्का की फसल खराब हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंगलवार को झालावाड़ जिले का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर शीघ्र किसानों की मदद करने के लिए कहा। वसुंधरा के साथ उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह भी थे। उधर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक में फसल खराबे का जायजा लिया। पायलट ने कहा कि राज्य सरकार ने गिरदावरी प्रारंभ करवा दी है। किसानों को शीघ्र मुआवजा दिया जाएगा।

कोटा में 2 लाख हेक्टेयर की फसल गली, 700 करोड़ का नुकसान
हाड़ौती में इस साल 11 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन, धान, मक्का, ज्वार, उड़द यानी खरीफ की फसलों की बुबाई हुई। बरसात के दो दिन में करीब 2 लाख हेक्टेयर फसले गल गईं। इसके बाद करीब 9 लाख हेक्टेयर में फसल बची है। इसमें करीब 50 फीसदी 5 लाख हेक्टेयर में नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। वहीं रबी की बुबाई में भी इस बारिश के बाद करीब एक महीने की देरी होने वाली है। यानी हर तरफ से अन्नदाता पर बेमौसम बारिश ने जो मार मारी उसने किसानों को बड़ा नुकसान पंहुचा दिया। अच्छी फसल की आस में किसानों ने कुछ तैयारियां की थी, लेकिन अब वो सब धरी रह जाएंगी।

बाड़मेर में 2.70 लाख हैक्टेयर में ग्वार फसल प्रभावित
राजस्थान में इस बार अच्छी बारिश से किसानों ने ग्वार, बाजरे सहित अन्य फसलों में अच्छी पैदावार की उम्मीद की थी, लेकिन अतिवृष्टि की वजह से सरहदी बाड़मेर के किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। बाड़मेर जिले में करीब 2 लाख 70 हजार हैक्टेयर में ग्वार की बुवाई की गई थी। लेकिन औसत से भी डेढ़ गुना ज्यादा बारिश होने से ग्वार की फसल चौपट हो गई है। ऐसे में थार के किसानों ने सरकार से विशेष गिरदावरी करवाकर राहत पैकेज देने की मांग की है।