जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग की ओर से अलवर में मत्स्य उत्सव मनाया जाएगा। तीन दिन तक मनाया जाने वाला मत्स्य उत्सव फेस्टिवल 25 नवम्बर से शुरू होगा जो 27 नवम्बर तक चलेगा। इन तीन दिनों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, शोभायात्रा और विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाने वाला है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन सरिस्का गेट पर आयोजित किए जाएंगे। मत्स्य उत्सव के दौरान प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। साथ ही पर्यटकों को सरिस्का से कांकबाड़ी फोर्ट की सैर भी कराई जाएगी। 25 नवंबर को सुबह 5:30 बजे सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में महाआरती के साथ 3 दिवसीय मत्स्य उत्सव का आगाज होगा।
मत्स्य उत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन कुछ इस तरह किए जाएंगे।
25 नवंबर
- सुबह 5:30 बजे जगन्नाथ मंदिर में महाआरती के साथ उत्सव का आगाज
- सुबह 7 बजे हैरिटेज वॉक में होपसर्कस, त्रिपोलिया, जगन्नाथ मंदिर, मथुराधीश मंदिर, महलचौक व किशनकुंड का भ्रमण
- सुबह 9 बजे मूसी महारानी की छतरी पर ओपन एयर फोटो प्रदर्शनी
- सुबह 10 बजे से 2:30 बजे तक सरिस्का गेट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक कलाकार प्रस्तृति देंगे
- सुबह 10 से 5 बजे तक हॉट एयर बैलून एडवेंचर, कबड्डी, खो, रस्साकस्सी की प्रतियोगिताएं
- सुबह 11 बजे सूचना केन्द्र में मेहंदी व रंगोली प्रतियोगिता
- शाम 7 बजे महल चौक में कवि सम्मेलन
26 नवंबर
- सुबह 7 से दोपहर 2 बजे वन विभाग कराएगा सरिस्का स्थित कांकवाड़ी फोर्ट का भ्रमण
- सुबह 10 बजे सिलीसेठ में पैडल रेस प्रतियोगता और सांस्कृतिक कार्यक्रम में उदयपुर के लोक कलाकारों की प्रस्तुति
- सुबह 10 से 5 बजे तक हॉट एयर बैलून एडवेंचर, कबड्डी, खो, रस्साकस्सी की प्रतियोगिताएं
- दोपहर 3 बजे पुराने सूचना केन्द्र से निकाली जाएगी शोभायात्रा
- शाम 6 बजे सागर पर दीपदान कार्यक्रम का आयोजन
- शाम 7 बजे महल चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रम
27 नवंबर
- सुबह 7 बजे सागर से बालकिला तक टेकिंग
- सुबह 10 बजे फतेहगंज गुंबद में चित्रकला प्रतियोगिता
- शाम 7 बजे महल चौक में लखविंदर वड़ाली द्वारा सूफी गायन की प्रस्तुति। लखविंदर वड़ाली द्वारा सूफी गायन की प्रस्तुति के साथ ही मत्स्य उत्सव का समापन होगा।
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