छात्रसंघ चुनावों में पुलिस द्वारा छात्राओं और एसएफआई कार्यकर्ताओं के ऊपर किए गए बर्बर लाठीचार्ज के बाद इस मामले में सीकर के पुलिस उपाधीक्षक सौरभ तिवाड़ी के तबादले के साथ ही माकपा का आंदोलन खत्म हो गया है। माकपा नेताओं ने इसे अपनी जीत बताते हुए कलेक्ट्रेट के सामने से रास्ता भी खोल दिया है। किसान नेता अमराराम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंदोलन की समाप्ति की घोषणा की। गौरतलब है कि माकपा ने लाठीचार्ज के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सीकर कलक्ट्रेट के सामने कई दिनों से महापड़ाव डाल रखा था। सात दिन के महापड़ाव के बाद डीएसपी सौरभ तिवाड़ी का तबादला जोधपुर में कर दिया है। वहीं संभागीय आयुक्त इस मामले की जांच कर रहे हैं और 28 सिंतबर को अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेग, जिसके बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

माकपा के पूर्व विधायक अमराराम ने कहा कि लाठीचार्ज के दोषी सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई कर उन्हें यहां से हटा दिया है, इसलिए महापड़ाव खत्म किया जा रहा है। अमराराम की घोषणा के बाद महापड़ाव स्थल पर कार्यकर्ता खुशी से झूमने लगे और वहां लगे मंच व दरियों को हटाने लगे। भादरा विधायक बलराम पूनिया राज्य सरकार से संपर्क में थे और उनकी लगातार बातचीत के बाद सरकार ने तबादला सूची में सीकर डीएसपी को हटाने का निर्णय लिया। पूनिया ने फोन पर अमराराम को इसकी जानकारी दी और अमराराम ने आंदोलन के समाप्ति का ऐलान कर दिया।

माकपा नेताओं ने व्यापारियों और छात्रों से मांगी माफी

महापड़ाव स्थगित करने की घोषणा के दौरान पूर्व विधायक पेमाराम और अमराराम ने छात्रों व व्यापारियों से माफी मांगते हुए कहा कि उनकी वजह से उन्हें परेशानी हुई है। लेकिन ये आंदोलन हमने बेटियों के सम्मान में किया था। गौरतलब है कि आंदोलन की वजह से छात्रों और व्यापारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।