भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आईपीएस पंकज चौधरी जो दूसरे अफसरों के ऊपर अपनी बयानबाजी को लेकर चर्चा में रहते हैं, वो आज एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार केंद्र सरकार ने चौधरी को भारतीय पुलिस सेवा पद से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए है। इसकी पीछे की वजह पहली पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करना है। इस संबंध में 6 मार्च को जयपुर पुलिस आईपीएस पंकज चौधरी के सरकारी आवास पर आठ पन्नों का नोटिस लेकर गयी थी लेकिन उनके आवास में नहीं होने के कारण नोटिस को गेट पर चस्पा दिया। पंकज चौधरी वर्ष 2009 के आईपीएस बैच के अधिकारी है।
सेवामुक्ति के आदेश को अदालत में दूंगा चुनौती- पंकज चौधरी
जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस पंकज चौधरी की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया है। उनके ऊपर ये आरोप कि है उन्होंने पहली पत्नी से तलाक दिए बगैर दूसरी शादी की। मामले पर पंकज चौधरी ने कहा कि जिस घरेलू विवाद को लेकर उन पर आरोप लगाए जा रहे है वो मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करुँगा और सेवामुक्ति के आदेश को भी अदालत में चुनौती दूँगा। इससे पहले फील्ड पोस्टिंग देने की बजाय आईपीएस पंकज चौधरी को झालावाड़ स्थित पीटीएस का कमांनडेट नियुक्त किया गया था लेकिन पंकज चौधरी द्वारा अभी तक नियुक्ति ग्रहण नहीं की गयी। उन्होंने राजीव धासोत के अधीन काम नहीं करने की इच्छा जताई है, जिसके लिए उन्होंने वर्तमान कांग्रेस सरकार को प्रार्थना पत्र भी लिखा है।
आईपीएस ने वसुंधरा राजे को दी थी चुनौती
पंकज चौधरी वो आईपीएस है जिन्होंने प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चुनावी मंच पर चुनौती दी थी। जिसके चलते वो काफ़ी चर्चा में भी रहे थे। आपको बता दे कि पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी जिन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। लेकिन ऐन मौके पर कांग्रेस ने भाजपा के बाग़ी मानवेंद्र सिंह जसोल को टिकट दे दिया। पत्नी के राजनीतिक करियर चुनने को पंकज चौधरी ने उनकी निजी स्वतंत्रता बताया। पंकज चौधरी खुद भी पिछली भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ कई मुद्दों पर सक्रिय भी रहे थे। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट से अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने के कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।