जयपुर। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एक बार फिर चर्चा में है। प्रदेश में एक बार फिर महाराणा प्रताप और अकबर के बीच प्रसिद्ध हल्दीघाटी युद्ध को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने हैं। नया विवाद खड़ा हुआ राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के इस बयान से हल्दीघाटी का युद्ध धर्म युद्ध नहीं सत्ता संघर्ष था। अब इस बयान पर उन्होंने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाराणा प्रताप की महानता पर रत्ती भर भी शक नहीं है। महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की सत्ता के लिए स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी थी।

डोटासरा ने दी ये सफाई
बीजेपी, राजपूत संगठन और इतिहासकारों के निशाने पर आने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा अपने बयान को लेकर सफाई देनी पड़ी है। एक ट्वीट में डोटासरा ने कहा कि महाराणा प्रताप की महानता पर रत्ती भर भी शक नहीं है। महाराणा प्रताप ने मेवाड़ की सत्ता के लिए स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी थी।

महाराणा प्रताप पर दिया था विवादित बयान
आपको बता दें कि नागौर में कांग्रेस का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा था। इसी शिविर में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने एक बार फिर महाराणा प्रताप और अकबर पर नई बहस छेड़ दी। डोटासरा ने कहां था कि की हल्दीघाटी का युद्ध धर्म युद्ध नहीं था। यह सत्ता संघर्ष की लड़ाई थी जिसे बीजेपी ने धर्म युद्ध दिखाकर राजस्थान में पाठ्यक्रम में बदलाव कर दिया था।

करणी सेना ने डोटासरा के खिलाफ खोला मोर्चा
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ राजपूत करणी सेना ने मोर्चा खोल दिया है। करणी सेना ने सीएम अशोक गहलोत से डोटासरा को बर्खास्त करने की मांग की है। राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने राजधानी जयपुर में डोटासरा के खिलाफ नारेबाजी की।