भरतपुर, 05 अप्रैल। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में शिक्षा की महती भूमिका बताते हुए विश्वविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन के साथ-साथ विद्यार्थियों के कौशल विकास पर भी अधिकाधिक ध्यान दिए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे पाठ्यक्रमों का निर्माण कर उनका प्रभावी प्रसार करे जिससे विद्यार्थी निरंतर नया सीखने और व्यावसायिक दृष्टि से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रवृत हो सके।
श्री मिश्र बुधवार को महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सबके लिए आसान पहुंच, गुणवत्ता के साथ जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीखना ही शिक्षा का विज्ञान होना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालयों को पढ़ाने की अपनी भूमिका के साथ समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए युवाओं के मार्गदर्शन के लिए भी निरंतर कार्य किए जाने का आह्वान किया।
राज्यपाल ने प्राचीन भारत के नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला जैसे प्रख्यात विश्वविद्यालयों की चर्चा करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तकों के साथ ही जीवन से जुड़ी व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करते थे। इसी बात की आज भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि महाराज सूरजमल बृज विश्वविद्यालय को शोध एवं अनुसंधान की मौलिक संस्कृति का विकास करे। इसके साथ ही स्थानीय इतिहास, कला और संस्कृति से जुड़े ऐसे विषयों पर शोध को भी यहां प्रोत्साहन मिले जिससे विद्यार्थी अपने पुरातन वैभव को सहेज कर आधुनिक दृष्टि से उनका उपयोग करने में सक्षम हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालयों के जरिए ऐसा शिक्षा मॉडल विकसित करने पर भी जोर दिया जिससे जिससे न केवल मस्तिष्क विकसित हो बल्कि युवाओं की सकारात्मक मानसिकता भी बने।
श्री मिश्र ने विश्वविद्यालय में छात्राओं के उम्दा प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें अधिकाधिक अवसर पद्रान करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने आरम्भ में सभी को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया और संविधान की भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों को अपनाने पर भी जोर दिया।
इससे पहले राज्यपाल श्री मिश्र ने स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका के नोबल अवार्ड विजेता प्रो. रोजर डी कार्नवर्ब, डेनवर विश्वविद्यालय कोलोराडो-संयुक्त अमेरिका के प्रो. वेद प्रकाश नंदा, सेका गाकी इन्टरनेशनल जपान के अध्यक्ष डॉ. दायसादू इकेता, अटार्नी जनरल आफ इण्डिया भारत सरकार के श्री आर. वेंकटरमणी, इन्टरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस हेग, नीदरलैण्ड के न्यायमूर्ति डॉ. दलवीर भण्डारी, प्रख्यात शास्त्रीय नृतिका एवं अभिनेत्री हेमा मालिनी को मानद डॉक्टरेट उपाधियां प्रदान की हैं।
श्री मिश्र ने इन सभी का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह सभी अपने अपने क्षेत्र के मूर्धन्य विद्वान हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन सबके विश्वविद्यालय से जुड़ाव से अकादमिक स्तर पर विश्वविद्यालय नये आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने वर्ष 2020 के शेष रहे तथा वर्ष 2021 के 40 हजार 541 विद्यार्थियों को उपाधियां, एक कुलाधिपति पदक, समाज द्वारा प्रदत्त 3 पदक, 31 स्वर्ण तथा 10 रजत पदकों सहित कुल 45 पदक भी प्रदान किए।
इससे पहले दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 वी. आर. मेहता एवं अटार्नी जनरल ऑफ इंड़िया श्री आर. वेंकटरमणी ने भी अपने विचार रखे। कुलपति प्रो. रमेश चन्द्रा ने विश्वविद्यालय से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इससे पूर्व बॉम के सदस्यों एवं एकेडमिक काउंसिल एवं डीन ऑफ फैकल्टीज के सदस्यों द्वारा अकादमिक शोभायात्रा का आयोजन किया गया।
तत्पश्चात् कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलाधिपति कलराज मिश्र एवं अन्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित किया गया तथा राष्ट्रीय गान एवं महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति दी गयी तथा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रमेश चंन्द्रा द्वारा कुलाधिपति की अनुमति से तृतीय दीक्षांत समारोह प्रारम्भ करने की घोषणा की। इस अवसर पर कुलाधिपति श्री मिश्र द्वारा वर्चुअल तरीके से विभिन्न कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया जिसके तहत महाराजा सूरजमल बृृज विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय, महारानी किशोरी कन्या छात्रावास, स्वामी विवेकानंद छात्रावास, दयानंद सरस्वती ट्रांजिट हॉस्टल, केन्द्रीय विद्यालय, स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर सहित विश्वविद्यालय में 8 नये संकाय, 126 विभाग, 9 विशेष शोध केन्द्र सहित 36 संस्थानों की अभिशंषा की गयी है।
समारोह में नगर विधायक वाजिब अली, सम्भागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, जिला कलक्टर आलोक रंजन, जिला पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) रतन कुमार, नगर विकास न्यास के सचिव कमल राम मीणा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि, विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्टॉफ, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।
संवाददाता- आशीष वर्मा