राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुन्दा थाना क्षेत्र के रावलिया खुर्द गांव के जोशीयों की बाग में असामाजिक तत्वों ने भगवान परशुराम की मूर्ति को तोड़ दिया। घटना के बाद आक्रोशित लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये। सूचना पर प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर लोगों को शांत किया। साथ ही प्रतिमा को पुनर्स्थापित करने का आश्वासन दिया।
दरअसल, जोशीयों के भाग गांव में सोमवार की सुबह लोगों ने भगवान परशुराम की खंडित मूर्ति देखी. सूचना मिलते ही सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। घटना के विरोध में लोग सड़क पर पत्थर रखकर धरने पर बैठ गए। जिससे सड़क के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। ग्रामीणों की सूचना पर गोगुन्दा एसडीएम हनुमान सिंह राठौर, तहसीलदार रविंद्र सिंह चौहान, गिर्वा डीवाईएसपी भूपेंद्र सिंह व गोगुन्दा थानाध्यक्ष अनिल विश्नोई मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों के समझाने के बाद अधिकारियों ने खंडित मूर्ति को कब्जे में ले लिया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। वहीं, पुलिस टीम गठित कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है।
इधर, मंगलवार को विप्र सेना के महासचिव गोविंद दीक्षित, प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम मेनारिया, विधानसभा अध्यक्ष देवेंद्र पालीवाल, पूर्व मजावड़ी सरपंच कपिलदेव पालीवाल, युवा ब्रह्म शक्ति के तहसील अध्यक्ष जितेंद्र आमेटा, परशुराम सेवा समिति उपाध्यक्ष ओम प्रकाश जोशी, संरक्षक बाबूलाल जोशी सहित एसडीएम कार्यालय पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। एसडीएम हनुमान सिंह राठौड़ ने सभी को मूर्ति वापस लगवाने व त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त किया।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि उदयपुर जिले के गोगुन्दा थाना क्षेत्र में भगवान परशुराम की प्रतिमा का खंडित होना घोर निंदनीय है। इससे साफ है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था है ही नहीं। मुख्यमंत्री सख्त कदम उठाएं।