जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एक सप्ताह के दौरान प्रदेश में पांच नए शहर कोरोना के हॉट स्पॉट बन गए हैं। जयपुर का रामगंज क्षेत्र और भीलवाड़ा जिला मुख्यालय ही कोरोना का हॉट स्पॉट बना हुआ था लेकिन अब इस सूची में अब जोधपुर, टोंक, बीकानेर, झुंझुनू और कोटा जिला भी शामिल हो गया है। किसानों को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। प्रदेश में पहली बार सीएसआर एक्टिविटी के तहत किसानों को भी मदद मुहैया करवाई जाएगी। लॉकडाउन के चलते बनी परिस्थितियों में कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियों की ओर से यह निर्णय लिया गया है। फिलहाल कृषि उपकरण बनाने वाली दो प्रमुख कंपनियां इसके लिए आगे आई हैं। इन कंपनियों ने मुख्य सचिव को इसका प्रस्ताव भेजा है जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे उपकरण
योजना के मुताबिक टैफे और ईएम थ्री कंपनियों की ओर से फसल की कटाई, थ्रेसिंग और जुताई आदि में उपयोग लिए जाने वाले उपकरण किसानों को मुफ्त में उपलब्ध करवाए जाएंगे। निजी कंपनियों को अपने मुनाफे की 2 प्रतिशत राशि सामाजिक कार्यों पर खर्च करने का प्रावधान है। यह पहली बार है जब कृषि कार्य को भी इसके तहत शामिल किया गया है। लॉकडाउन के चलते किसानों को कृषि कार्य में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब सीएसआर के तहत उपकरण उपलब्ध होने से उनकी मुश्किलें कम होंगी। जल्द ही दूसरी कंपनियों को भी इसके लिए अनुमति दी जाएगी।
कृषि उपकरणों-मजदूरों पर नहीं है रोक
इन दिनों खेतों में फसल की कटाई और थ्रेसिंग का काम चल रहा है, लेकिन लॉकडाउन के चलते किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा हैै। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में बाहरी राज्यों से आने वाले कृषि उपकरणों को आवागमन की अनुमति नहीं दी गई। इसके साथ ही लॉकडाउन के चलते कृषि मजदूर भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाए। हालांकि अब कृषि विभाग की ओर से स्थिति स्पष्ट करते हुए जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि कृषि उपकरणों की आवाजाही लॉक डाउन में शामिल नहीं है। लिहाजा उनका आवागमन सुनिश्चित करवाया जाए।