देश के पहले लेपर्ड प्रोजेक्ट (तेंदूआ) का उदघाटन गुरुवार को जयपुर (राजस्थान) के झालाना वन क्षेत्र में कर दिया गया है। इसके तहत राज्यभर में 8 पैंथर रिजर्व बनाए जा रहे हैं। इस सभी को संरक्षित कर पर्यटन स्थल की तरह विकसित किया जाएगा। इसके तहत वन क्षेत्र की चारदीवारी, घास, पानी के टैंक जैसे कार्य किए जा रहे हैं। लेपर्ड प्रोजेक्ट का उदघाटन वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने किया। लेपर्ड प्रोजेक्ट के डीएफओ सुदर्शन शर्मा का कहना है कि सफारी की शुरुआत के बाद टूरिस्ट के लिए एंटरपटेशन सेंटर, टूरिस्ट रिफ्रेशमेंट हट, टूरिस्ट वेटिंग रूम, आकर्षक एंट्री गेट, मुंह बोलती लेपर्ड की डमी और पेंटिंग कार्यों को साकार किया जाएगा।
लेपर्ड प्रोजेक्ट के तहत करीब 8-10 करोड़ रुपए लागत के कार्य सालभर से किए जा रहे हैं जो 2019 तक पूरे होंगे। झालाना लेपर्ड रिजर्व में बघेरों के लिए पिछले दो साल में 20 करोड़ रुपए का बजट पास किया जा चुका है। इससे शहर के बीच हरियाली की चादर ओढ़े 20 सक्वायर किमी. के झालाना को भविष्य के लिए अतिक्रमण से बचाने के साथ ही वाइल्ड लाइफ की सुरक्षा और पर्यटन के लिहाज से कायाकल्प किया जा चुका है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे भी शिरकत करने वाली थी लेकिन व्यस्तता के कारण शरीक नहीं हो पाईं।
लेपर्ड प्रोजेक्ट के संबंध में बात करते हुए खींवसर ने कहा, ‘घनी आबादी क्षेत्र के नजदीक झालाना वनक्षेत्र टापू की तरह है जहां की वल्र्ड क्लास सफारी दुनिया को लुभाती है। इसी तर्ज पर प्रदेश में 8 पैंथर रिजर्व विकसित करने की शुरुआत झालाना से की गई है। इसके लिए राज्य में पैंथर की सर्वाधिक संख्या वाले स्थान चिन्हित किए गए हैं।‘
इन 8 शहरों में तैयार होंगे पैंथर रिजर्व
- जवाई बांध
- झालाना (जयपुर)
- रावली-टाडगढ़ (कुंभलगढ़)
- शेरगढ़ (बारां)
- माउंटआबू
- जयसमंद
- सीतामाता (बस्सी) व
- खेतड़ी
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