वन विभाग की लापरवाही से जयपुर में तेंदुए ने एक मासूम को मार डाला। घर में मां के पास खेल रहे बच्चे को तेंदुए ने मुंह में पकड़ लिया और भाग गया। मां रोते-रोते उसके पीछे दौड़ती रही, लेकिन बच्चे को बचा नहीं पाई।
घटना से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है और लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की हड़ताल है, इसलिए आदमखोर बना तेंदुआ पकड़ में नहीं आ रहा है। मामला शुक्रवार शाम जयपुर के जमवारामगढ़ इलाके का है। यहां वासना गांव निवासी बलराम ने बताया कि उनका पुत्र कार्तिक (1.5) घर के आंगन में खेल रहा था। उसकी मां पास में काम कर रही थी।
इसी बीच तेंदुआ घर में घुस गया और बेटे को लेकर भाग गया। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर मां रोते हुए उसके पीछे दौड़ी। ग्रामीण भी आवाज सुनकर दौड़े, लेकिन तब तक वह जंगल में जा घुसा और बच्चे को बुरी तरह घायल कर दिया।
बलराम ने बताया कि ग्रामीणों की भीड़ देखकर तेंदुआ बच्चे को जंगल में छोड़ गया। तब तक तेंदुआ बच्चे को बुरी तरह जख्मी कर चुका था। मासूम को कुकुस (जयपुर) के पास निम्स अस्पताल ले आए। यहां से उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस हमले में बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया। सिर और मुंह पर गहरे घाव हो गये थे। शरीर के इन हिस्सों पर तेंदुए के हमले के निशान साफ नजर आ रहे थे। बच्चा जंगल में बेहोशी की हालत में मिला था। रेंजर रामकरण मीणा ने बताया कि गांव सेंचुरी एरिया के काफी करीब है। ऐसे में तेंदुआ पानी या खाने की तलाश में गांव पहुंचा होगा।
जमवारामगढ़ के रेंज ऑफिसर ने बताया कि आड़ा डूंगर इलाके में तेंदुए का लगातार मूवमेंट रहता है। वन विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण हम तेंदुए को पकड़ नहीं पाए हैं। ऐसे में जब तक वन विभाग इस पूरे मामले पर कोई ठोस फैसला नहीं लेता, जनता को परेशान होना पड़ सकता है।
15 सूत्री मांगों को लेकर राजस्थान के वन कर्मचारी 6 फरवरी से कार्य बहिष्कार पर हैं। वहीं, ग्रामीणों में अभी भी भय का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना के बाद घर से बाहर निकलने पर भी डर का अहसास हो रहा है.