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जीएसटी लागू होने के बाद हमारी टैक्स प्रणाली में हुए बदलाव से सेवा और उत्पादन के कई क्षेत्रों में लोगों के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसका कारण है कि जीएसटी को सही से न समझ पाना। इन्हीं असमंजस भरी स्थितियों के कारण निजी कंपनियों में इतने दिनों से समझा जा रहा था, कि जीएसटी लागू होने से अब किसी कर्मचारी को कंपनी की तरफ से दिए गए उपहार पर भी जीएसटी लागू होगा। इस भ्रम की स्थिति को मिटाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कल सोमवार को ट्वीट करके इसकी स्पष्ट जानकारी दी। केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार अब कोई भी कंपनी, संस्थान या नियोक्ता अपने कर्मचारी के प्रदर्शन से खुश होकर उसे 50 हज़ार रूपए तक का उपहार/गिफ्ट देता है तो उसपर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन अगर यह उपहार 50 हज़ार रूपए से अधिक कीमत का होता है तो इस पर जीएसटी की दरें लागू होगी।

सालभर में 50 हज़ार रूपए तक के गिफ्ट पर जीएसटी नहीं:

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि एक साल में किसी कर्मचारी को 50 हज़ार रूपए तक का गिफ्ट दिया जाता है, तो वह जीएसटी के दायरें में नहीं आएगा। वहीँ अगर उपहार की राशि या कीमत 50 हज़ार रूपए से अधिक होती है तो उसपर जीएसटी लागू होगा। हालांकि कोई  कर्मचारी (इम्प्लॉई) नौकरी करते हुए अपनी कंपनी, नियोक्ता को जो वस्तु और सेवा की जो सर्विसेस देता है उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।

तो गिफ्ट का मतलब यह:

जीएसटी में गिफ्ट या उपहार की कोई परिभाषा तय नहीं की गई है। लेकिन सरकार के वित्त मंत्रालय के मुताबिक़ कर्मचारी को उसके मूल वेतन के अतिरिक्त, काम से खुश होकर जो अलग से सुविधा दी जाएगी वह गिफ्ट के दायरे में आएगा। इस गिफ्ट पर कर्मचारी का हक़ नहीं होगा। इसके लिए वह कोर्ट नहीं जा सकता। ऐसी कोई सुविधा जिसकी कर्मचारी कोई अपेक्षा न करता हो, बावजूद इसके उसे कंपनी की तरफ से दिया गया लाभ गिफ्ट या उपहार के दायरे में आएगा।

कंपनी की इन सुविधाओं पर जीएसटी नहीं:

वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए बताया कि यदि कंपनी की ओर से अपने कर्मचारियों को किसी हेल्थ क्लब, जिम, किसी अन्य क्लब की मुफ्त सदस्यता दी जाती है तो यह जीएसटी के दायरे में नहीं होंगी। लेकिन यह सुविधाएं यदि पैसों के खर्च पर दी जाती है तो इसपर कंपनी को किसी तरह का इनपुट क्रेडिट नहीं मिलेगा।

यदि किसी कर्मचारी को उसके पैकेज के अंतर्गत आवास/फ्लैट की सुविधा दी जाती है, तो वह जीएसटी के दायरे में नहीं होगा, लेकिन अगर आवास सुविधा का खर्च उस कर्मचारी की Cost to company (CTC) यानि कुल पैकेज से ज़्यादा हो तो इस पर जीएसटी लगेगा।