भरतपुर समता आन्दोलन समिति के सोलहवें स्थापना महोत्सव में अपने अध्यक्षीय भाषण में वयोवृद्ध समाजवादी नेता एवं पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि आजादी के समय वक्त देश के हालातों को देखते हुए सामाजिक आधार पर जो आरक्षण दिया गया था वह तत्कालीन सामाजिक पिछडे़पन के दृष्टिकोण से आवश्यक था लेकिन अब इस आरक्षण को 70-80 साल हो गए हैं और राजनीतिक पार्टियों ने धीरे-धीरे इस आरक्षण को अपने वोट बटोरने का आधार बना लिया। जिससे देश में असंतोष बढ़ने लगा है, सामाजिक वैमनस्यता पैदा होने लग गई है, जातिगत टकराव पैदा हो रहे हैं ऐसी परिस्थितियों में अब जातिगत आरक्षण की समीक्षा करने का वक्त आ गया है, अब चूंकि सवर्णों के लिए भी आर्थिक आधार पर आरक्षण दे दिया गया है और समता आंदोलन समिति जिस आरक्षण को खत्म करने की मांग कर रही है |
देश में बढ़ते असंतोष को मद्देनजर रखते हुए, उसे संपूर्ण रुप से खत्म करने का आधार भी बन गया है इसलिए इसे अब आर्थिक आधार पर लागू किया जाना चाहिए। आज इसकी पुनःसमीक्षा करने की आवश्यकता है। पंडित जी ने मुख्यमंत्री पर समता आन्दाेलन द्वारा लगाए सात सूत्रीय आरोप पत्र पर कहा कि इन सात सूत्रीय आरोपों की सूची मुझे भी दी जावे, जिससे मैं इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से बात कर सकूं। कार्यक्रम के दौरान जो बातें बताई गई है इनमें से कई बातों से मैं सहमत हूं और कई से असहमत हूं।
समता आन्दोलन समिति के स्थापना महाेत्सव में भरतपुर शहर के अलावा रूपबास, बयाना, वैर, भुसावर, नदबई ,बंध बारैठा, डीग, कांमा, नगला परशुराम, इकरन, खैमरा एवं दूरदराज के भी हजारों की संख्या में महिलाएं व पुरुषों ने भाग लिया।
समता आन्दोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पाराशर नारायण शर्मा ने वर्तमान मुख्यमंत्री पर जातिगत राजनीति करने सहित सात सूत्रीय आरोप लगाये हैं उन्होंने मुख्यमन्त्री से आग्रह किया है कि एक माह में उसका समाधान करें अन्यथा आने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राजस्थान में इनके चुनाव क्षेत्र चाहे लोक सभा हो या विधान सभा सब जगह पर समतावादी विचारधारा के लोग इनका घोर विरोध करेंगें व हराने का भरसक प्रयास करेंगे। इस बात का सभा स्थल पर मौजूद हजारों लोगों ने खड़े होकर दोनों हाथ उठा कर पाराशर नारायण शर्मा का समर्थन किया।
संवाददाता- आशीष वर्मा