देश में शांति व सदभाव के उद्देश्य से चलाई गई एक बस यात्रा का नाम है कारवां-ए-मोहब्बत। इस दल में देश के प्रमुख जन संगठन, बुद्धिजीवी व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। कारवां-ए-मोहब्बत का उदेश्य देश में बढ़ती असहिष्णुता, धर्म जाति के नाम पर हंगामा तथा अराजक भीड़ द्वारा हिंसा व हत्या की घटनाओं का विरोध करना और शांति का प्रचार करना है। जनसंगठनों की यह यात्रा देश के हर उस स्थान पर जाएगी, जहां अल्पसंख्यकों व दलितों के साथ अराजक भीड़ द्वारा हिंसा तथा हत्याएं की गई हैं। वहां यह दल पीड़ितों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त करेगा और उनमें भारत की सौहार्द्र की संस्कृति में विश्वास रखने का हौसला पैदा करेगा। शनिवार को यह यात्रा अजमेर भी पहुंची थी जहां एक रैली निकाल इस यात्रा के उदेश्य से आमजन को जागरूक किया गया था।
आपको जानकारी दें दें कि हाल ही में जयपुर से गाय लेकर जा रहे अलवर के पहलु खान को गौ रक्षकों की भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। इस हत्याकांड का देशभर में विरोध किया गया था। इसी से जागरूक होकर कारवां-ए-मोहब्बत को शुरू किया गया है। इस यात्रा की शुरूआत 4 सितंबर को असम से हुई है जो कई राज्यों से गुजरती हुई 2 अक्टूबर को पोरबंदर में पहुंचकर समाप्त होगी।