राजस्थान के जोधपुर में भारत-रूस की वायुसेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अवींद्र’ आज सोमवार से शुरू हो गया है। इसका ज्वाइंट सैन्य अभ्यास का मकसद ऑपरेशन स्किल्स को बढ़ाना है। इस ड्रिल का नाम ‘अवींद्र’रखा गया है। यह अभ्यास आज से 12 दिन चलेगा। ड्रिल के लिए रशिया का वायुसेना दल अपने विमान साथ लेकर नहीं आया है। रूसी वायुसेना अभ्यास में रूस निर्मित भारतीय विमानों का इस्तेमाल कर रही है। रक्षा विभाग के मुताबिक, अभ्यास में रूसी पायलट भारतीय विमान उड़ाएंगे। इससे पहले रविवार को भारत ने रूस के साथ रविवार को विशाखापट्टनम में नौसेना का अभ्यास भी शुरू किया। इसमें रूस की नौसेना के जहाज वरयाग, पैंटेलेयेव और बोरिस बुटोमा शामिल हुए। दोनों देशों की नौसेना का यह दसवां संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
भारत-रूस नौसेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास चलेगा 16 दिसंबर तक
भारत-रूस की नौसेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास 16 दिसंबर तक चलेगा। नौसेना का संयुक्त सैन्य अभ्यास दो हिस्से में होगा। पहला हार्बर फेज और दूसरा सी फेज। हार्बर फेज विशाखापट्टनम में 12 दिसंबर तक चलेगा। इसका मकसद दोनों देशों में सांस्कृतिक और खेलों के लिए बेहतर तालमेल बनाना है। सी फेज 13 से 16 दिसंबर तक बंगाल की खाड़ी में होगा। इसमें पनडुब्बी युद्ध, एयर डिफेंस ड्रिल और जमीनी गोलीबारी अभ्यास आदि शामिल किए गए हैं। बता दें, पिछले साल अक्टूबर में भारत और रूस ने 10 दिन तक सैन्य अभ्यास किया था। इसमें उसकी तीनों सेनाएं शामिल हुई थीं।
भारत और चीन सेना की ड्रिल मंगलवार से चेंगडू में शुरू होगी
भारत-चीन की सेना के बीच मंगलवार से चीन के चेंगडू शहर में संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू होगा। इसे ‘हैंड इन हैंड’ नाम दिया गया है। इसका मकसद आतंक के खिलाफ खुद को और मजबूती से खड़ा करना है। अपनी सेनाओं का ऑपरेशन स्किल बढ़ाना है। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास 23 दिसंबर तक चलेगा। यह भारत और चीन के बीच सातवां संयुक्त सैन्य अभ्यास होगा। इसमें दोनों देशों के सौ-सौ सैनिक शामिल होंगे। पिछले साल दोनों देशों के बीच डोकलाम पर 73 दिन तक गतिरोध रहा था। इस गतिरोध के खत्म होने के करीब एक साल बाद दोनों देशों के बीच मिलिट्री ड्रिल हो रही है। उधर, पाकिस्तान ने भी चीन के साथ रविवार से सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया। इसके लिए चीन की सेना पाकिस्तान में शनिवार शाम को ही पहुंच गई थी। यह अभ्यास पाकिस्तान के भोलारी एयरबेस पर हो रहा है।