jayalalitha

चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में AIADMK प्रमुख और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने सोमवार रात  11: 30 बजे आखिरी सांस ली। रविवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को कार्डियक अरेस्ट आने के बाद से उनकी हालत गंभीर थी। जयललिता करीब दो माह से अस्पताल में भर्ती थी और उनका इलाज चल रहा था।

तमिलनाडु की राजनीति में था ‘अम्मा’ का लोहा

तमिलनाडु की राजनीति में तो अपना लोहा मनवा चुकी जयललिता का फिल्मी करियर भी शानदार रहा है। कर्नाटक के अयंगर परिवार में फरवरी, 1948 को जन्मी जयललिता की पढ़ाई बेंगलुरू और चेन्नई के कांवेंट स्कूलों में हुई। जयललिता महज दो साल की थीं, जब उनके पिता का देहांत हो गया, उसी समय उनकी मां ने तमिल फिल्मों में अभिनय की शुरुआत की। जयललिता ने चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर अपना फिल्मी करियर शुरू किया था। जयललिता ने हिंदी, कन्नड और इंग्लिश फिल्मों में भी काम किया है।

15 साल की उम्र में मिला था फिल्मों में लीड़ रोल

1964 में जयललिता महज 15 साल की थी और उन्हें कन्नड फिल्म ‘चिन्नाड़ा गोम्बे’ में लीड रोल मिला। धीरे धीरे वह तमिल फिल्मों की अग्रणी अभिनेत्रियों में भी शुमार हुईं। उन्होंने 100 से ज्यादा तमिल, तेलुगू और कन्नड़ फिल्मों में काम किया। 1965 में जयललिता ने तमिल फिल्म में काम किया जो बहुत बड़ी हिट साबित हुई। इसी साल उन्होंने एमजी रामचंद्रन के साथ भी काम किया।

एमजी रामचंद्रन बने अम्मा के पॉलिटिकल मेंटर

एमजी रामचंद्रन तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और जयललिता के पॉलिटिकल मेंटर भी बनें।  1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ की।  1970 में पार्टी के लोगों के दबाव में  एमजीआर ने दूसरी अभिनेत्रियों के साथ काम करना शुरू कर दिया। वहीं जयाललिता भी दूसरे अभिनेताओं के साथ फिल्में करने लगीं। करीब 10 सालों तक इन दोनों ने एक साथ कोई फिल्म नहीं की।

1973 में जया और एमजीआर के साथ जोड़ी आखिरी बार नजर एक फिल्म में नजर आई थी। इन दोनों ने कुल मिलाकर 28 फिल्मों में साथ काम किया। 1980 में उन्होंने अपनी आखिरी तमिल फिल्म में काम किया। वो कुल 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं।

30 साल तक लिया करुणानिधि से मोर्चा

ब्राह्मण परिवार में जन्मीं जयललिता राज्य की कद्दावर नेता के तौर पर उभरीं, जहां सामाजिक न्याय की शक्तियों ने स्वतंत्रता से भी पहले ब्राह्मण विरोधी आंदोलन शुरू किया था।  उन्होंने राजनीति अपनी शर्तों पर की और पिछले करीब 30 वर्षों से प्रदेश की राजनीति के दो ध्रुवों में से एक थीं और एम करुणानिधि नीत द्रमुक से मोर्चा लेती रहीं।

‘अम्मा ब्रांड’ के तहत शुरू की लोक कल्याणकारी योजनाएं

मई 2015 में उन्होंने हरी साड़ी में शपथ ली थी। उनका मानना था कि यह रंग उनके लिए शुभ है।  शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कई मंत्रियों ने उन्हें दंडवत प्रणाम किया था जो कि उनकी पार्टी में असाधारण बात नहीं थी।
पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता ने राज्य में कई सामाजिक योजनाएं शुरू की, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या की समस्या से निपटने के लिए ‘क्रैडल टू बेबी स्कीम’, बच्चियों को जन्म देने वाली महिलाओं को मुफ्त सोने का सिक्का देने जैसी योजनाएं प्रमुख थीं।  उन्होंने ‘अम्मा ब्रांड’ के तहत कई लोक कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की।

इन योजनाओं में शहरी गरीबों के लिए कम कीमत पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए ‘अम्मा कैंटीन’ प्रमुख है। इसी तरह गरीबों के लिए उन्होंने ‘अम्मा साल्ट’, ‘अम्मा वाटर’ और ‘अम्मा मेडिसीन’ योजनाएं भी शुरू कीं।  इन योजनाओं की वजह से लोगों में काफी लोकप्रिय होती चली गईं और समर्थक उन्हें अम्मा कहकर ही पुकारने लगें।

गिरफ्तारी के बाद भी समर्थकों का अम्मा पर भरोसा

वर्ष 2014 में उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिया गया।  प्रतिद्वंदी पार्टी डीएमके द्वारा दायर इस केस की सुनवाई पड़ोसी राज्य कर्नाटक में चली थी, जहां उन्हें दोषी करार दिया गया था।  इस मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद भी उनके लाखों समर्थकों का ‘अम्मा’ से भरोसा नहीं डिगा।  शोक प्रकट करने के लिए सैकड़ों समर्थकों ने अपने सिर मुड़ा लिए थे और जयललिता के प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया थ।  समर्थकों द्वारा गुस्से में आकर बसें जलाए जाने के बाद उन्होंने जेल से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। इस पूरे घटनाक्रम में लगभग 200 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।  भ्रष्टाचार के इस मामले में 9 महीने बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया और उन्होंने फिर से राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया था।

तीन महीने पहले डिहाइड्रेशन और बुखार के लिए अस्पताल में हुई भर्ती

जयललिता को करीब तीन महीने पहले सितंबर में डिहाइड्रेशन और बुखार की शिकायत के बाद अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां काफी समय तक उनकी हालात गंभीर बनी हुई थी और उन्हें कई सप्ताह तक रेस्‍परेटरी सपोर्ट पर रखा गया था। कुछ समय पहले उनकी सेहत में सुधार दिखने लगा था और उन्हें आईसीयू से हटाकर सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था।

रात 11. 30 मिनट पर हुआ अम्मा का उनका निधन

उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक ने कहा था कि जयललिता ‘जल्द ही’ घर लौट सकती हैं, क्योंकि एम्स की एक विशेषज्ञ टीम ने पुष्टि की थी कि वह पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं। कई हफ्तों से चेन्नई अपोलो के डॉक्टर भी कहते रहे कि ‘अम्मा’ को कब वापस जाना है, इस पर निर्णय वहीं लेंगी।  लेकिन रविवार को हृदय घात की वजह से उनकी स्थिति फिर गंभीर हो गई, जिसके बाद सोमवार देर रात 11. 30 मिनट पर उनका निधन हो गया।

देश भर की शख्सियतों ने किया शोक प्रकट

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत कई फिल्म जगत की शख्सियतों ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया।  जयललिता के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध साझा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह उनके निधन से बेहद दुखी हैं और इसने भारतीय राजनीति में ‘भारी रिक्ति’ पैदा की है। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा उन अनगिनत अवसरों को संजोकर रखूंगा, जब मुझे जयललिताजी से संवाद करने का अवसर मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।